SBI के चेयरमैन का बयान, RBI से नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद कम

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Sep, 2024 05:28 PM

sbi chairman s statement there is little hope of reduction in policy

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने हाल ही में कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिम को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस साल प्रमुख नीतिगत दर में कटौती करने की संभावना नहीं है। शेट्टी ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के...

बिजनेस डेस्कः भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने हाल ही में कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति के बढ़ते जोखिम को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस साल प्रमुख नीतिगत दर में कटौती करने की संभावना नहीं है। शेट्टी ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के नियंत्रण को प्राथमिकता देगा और संभवतः अगले साल की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) तक नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं होगा।

हालांकि, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर घटाने की उम्मीद है, जो पिछले चार सालों में पहली बार हो सकता है। इसका असर अन्य देशों के केंद्रीय बैंकों पर भी पड़ सकता है लेकिन शेट्टी के अनुसार, RBI अपने नीतिगत निर्णय में स्वतंत्र रहेगा।

खाद्य मुद्रास्फीति बनी चिंता का कारण

खुदरा मुद्रास्फीति की दर अगस्त में मामूली बढ़कर 3.65 प्रतिशत हो गई है, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति 5.66 प्रतिशत रही। यह RBI के चार प्रतिशत के औसत लक्ष्य से ऊपर है। केंद्रीय बैंक ने अगस्त की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा, जो लगातार नौवीं बार था।

SBI की सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का फिलहाल कोई इरादा नहीं

SBI के चेयरमैन ने यह भी स्पष्ट किया कि बैंक की सहायक कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने का कोई मौजूदा इरादा नहीं है। हालांकि, अगर इन कंपनियों को पूंजी की आवश्यकता होती है, तो SBI इस पर विचार करेगा।

बैंक ने वित्त वर्ष 2023-24 में SBI जनरल इंश्योरेंस में 489.67 करोड़ रुपए की पूंजी निवेश की थी, जिससे बैंक की हिस्सेदारी 69.95 प्रतिशत से घटकर 69.11 प्रतिशत हो गई है।
 

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