Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Jun, 2024 10:42 AM
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। इसका मतलब है कि अब आपको कार, होम या पर्सनल लोन लेना थोड़ा महंगा पड़ेगा। SBI ने अपने मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट यानी MCLR में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की है। MCLR वो न्यूनतम...
बिजनेस डेस्कः भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। इसका मतलब है कि अब आपको कार, होम या पर्सनल लोन लेना थोड़ा महंगा पड़ेगा। SBI ने अपने मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट यानी MCLR में 0.10 फीसदी की बढ़ोतरी की है। MCLR वो न्यूनतम ब्याज दर होती है जिससे कम पर बैंक लोन नहीं दे सकता।
अगर आप एक साल के लिए लोन लेते हैं तो आपको पहले 8.65% की दर से ब्याज देना होता था। लेकिन, अब यह दर बढ़कर 8.75% हो गई है। SBI के ऑटो लोन एक साल के MCLR और पर्सनल लोन दो साल के MCLR से जुड़े होते हैं।
क्या हो गई हैं नई दरें?
अगर हम अलग-अलग समय के लिए MCLR की बात करें तो अब ये 8.10% से लेकर 8.95% तक होंगे। ओवरनाइट MCLR 8% से बढ़कर 8.10% हो गया है। वहीं, एक महीने और तीन महीने के लिए यह दर 8.20% से बढ़कर 8.30% हो गई है। छह महीने के लिए MCLR अब 8.45% से बढ़कर 8.55% हो गया है। एक साल के लिए यह दर 8.55% से बढ़कर 8.65% और दो साल के लिए 8.85% से बढ़कर 8.75% हो गई है।
हालांकि, राहत की बात यह है कि SBI ने अपने EBLR रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है। EBLR का मतलब 'एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट' होता है। SBI के कुछ होम लोन EBLR से जुड़े होते हैं। SBI का EBLR अभी भी 9.15% है जो रेपो रेट (6.50%) और स्प्रेड (2.65%) को मिलाकर बनता है। SBI होम लोन की ब्याज दरें 8.50% से लेकर 9.65% तक हैं और ये आपके CIBIL स्कोर पर निर्भर करती हैं।
SBI ने तय की प्रोसेसिंंग फीस
इसके अलावा SBI ने लोन के लिए अपनी प्रोसेसिंग फीस भी तय की है जो लोन की राशि का 0.35% है। साथ ही GST भी लगेगा। SBI का बेस रेट अभी भी 10.40% है जो 15 जून, 2023 से लागू है।
BPLR यानी बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट को बदलकर कर 15.15% सालाना कर दिया गया है जो 15 जून, 2024 से लागू है। SBI ने हाल में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में भी बदलाव किया है। यह बदलाव 3 करोड़ रुपये से कम और ज्यादा की FD पर अलग-अलग है।
अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपको अभी ब्याज दरों में कमी के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी पिछली बैठक में रेपो रेट को 6.5% पर ही बनाए रखने का फैसला किया था। ऐसा माना जा रहा है कि अगस्त में होने वाली अगली बैठक में भी RBI रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। लेकिन अक्टूबर या दिसंबर में रेपो रेट में कमी आ सकती है।