Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jun, 2024 06:21 PM
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रवासी भारतीयों, विदेशों में बसे भारतीयों (ओसीआई) और निवासी भारतीयों के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) से संबंधित पंजीकरण दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। सेबी की अधिसूचना के अनुसार, नए नियम के...
नई दिल्लीः भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रवासी भारतीयों, विदेशों में बसे भारतीयों (ओसीआई) और निवासी भारतीयों के लिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) से संबंधित पंजीकरण दिशानिर्देशों में संशोधन किया है। सेबी की अधिसूचना के अनुसार, नए नियम के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन करने वाले एफपीआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके कोष में किसी एक एनआरआई या ओसीआई या निवासी भारतीय का योगदान 25 प्रतिशत से कम हो।
इसके अलावा, समग्र स्तर पर आवेदक एफपीआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोष में उनका योगदान 50 प्रतिशत से कम हो। नए नियम के अनुसार, एनआरआई, भारत के विदेशी नागरिक और निवासी भारतीय, आवेदक एफपीआई के नियंत्रण में नहीं होने चाहिए।
सेबी ने कहा, “निवासी भारतीय व्यक्तियों का योगदान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अधिसूचित उदारीकृत रेमिटेंस योजना के माध्यम से किया जाएगा और यह उन वैश्विक कोषों में होगा जिनका भारत में निवेश 50 प्रतिशत से कम है।” इस आशय के लिए, सेबी ने एफपीआई नियमों में संशोधन किया है जो 25 जून से प्रभावी हो गए हैं।