Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Sep, 2024 02:17 PM
सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की प्रमुख माधबी पुरी बुच के लिए आज का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। दरअसल, सेबी के बोर्ड की बैठक में उनके खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों पर चर्चा होने की संभावना है। यह बैठक 10 अगस्त को लगाए गए आरोपों...
बिजनेस डेस्कः सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) की प्रमुख माधबी पुरी बुच के लिए आज का दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। दरअसल, सेबी के बोर्ड की बैठक में उनके खिलाफ हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों पर चर्चा होने की संभावना है। यह बैठक 10 अगस्त को लगाए गए आरोपों के बाद पहली बार हो रही है, जिससे इसे काफी अहम माना जा रहा है।
बैठक में चर्चा के मुद्दे
माधबी पुरी बुच हाल के समय में कई गंभीर आरोपों के घेरे में हैं, जिसमें कांग्रेस पार्टी के भी आरोप शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सेबी बोर्ड ने बुच पर लगे आरोपों को गंभीरता से लिया है और इन पर बैठक में चर्चा अवश्य की जाएगी। इसके अलावा, यह भी संभव है कि बुच खुद को इस चर्चा से अलग कर लें।
सूत्रों के अनुसार, सेबी चेयरपर्सन पर लगे आरोपों को लेकर पहले से ही चर्चा चल रही है। इस बैठक में सेबी द्वारा प्रस्तुत 11 कंसल्टेशन पेपर पर भी विचार किया जा सकता है।
हिंडनबर्ग के आरोप
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति ने अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी द्वारा नियंत्रित ऑफशोर फंडों में निवेश किया था। यह निवेश कथित तौर पर भारत में समूह की सूचीबद्ध संस्थाओं के फंड में हेरफेर करने और स्टॉक की कीमतें बढ़ाने के लिए किया गया था।
इसके अलावा हिंडनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया कि सेबी ने रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (REIT) से संबंधित नियमों में संशोधन किया, जिससे ब्लैकस्टोन को लाभ मिला, जबकि बुच के पति इस कंपनी में एक वरिष्ठ सलाहकार थे।
कांग्रेस पार्टी ने भी उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान सूचीबद्ध स्टॉक्स में व्यापार किया और आईसीआईसीआई बैंक के कर्मचारियों के स्टॉक विकल्पों को बेचा, जो नियामक की हितों के टकराव की नीति का उल्लंघन करता है।