Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Sep, 2024 04:02 PM
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मुंबई स्थित सेबी मुख्यालय के बाहर सैकड़ों कर्मचारियों ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने एक बयान की वापसी की मांग की जिसमें कहा गया था कि उनके द्वारा वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में की गई...
बिजनेस डेस्कः मुंबई स्थित सेबी मुख्यालय के बाहर सैकड़ों कर्मचारियों ने सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के इस्तीफे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने एक बयान की वापसी की मांग की जिसमें कहा गया था कि उनके द्वारा वित्त मंत्रालय को लिखे पत्र में की गई शिकायत के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया गया था।
सेबी का बयान और आरोप
बुधवार को सेबी ने एक बयान जारी कर कर्मचारियों की नाराजगी और टॉक्सिक वर्क कल्चर के आरोपों को खारिज किया। सेबी ने कहा कि कर्मचारियों की आपत्तियां बाहरी तत्वों द्वारा मिसगाइडेड हैं और इनका उद्देश्य रेगुलेटर की विश्वसनीयता को संदिग्ध बनाना है।
कर्मचारियों के आरोप
6 अगस्त 2024 को, सेबी के लगभग 500 कर्मचारियों ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर माधबी पुरी बुच पर दफ्तर का माहौल खराब करने, कर्मचारियों के साथ खराब बर्ताव करने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के गंभीर आरोप लगाए थे। कर्मचारियों ने शिकायत की कि बड़े अधिकारी बात-बात पर चिल्लाते हैं और उन्हें डांटते हैं। आरोप यह भी है कि माधबी पुरी बुच ने टॉक्सिक वर्क कल्चर को बढ़ावा दिया है, जिसमें बैठकों में सार्वजनिक तौर पर चिल्लाना और जलील करना आम हो गया है।
माधबी पुरी बुच की मुश्किलें
माधबी पुरी बुच की मुश्किलें हाल ही में बढ़ गई हैं। पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी मामले को लेकर उन पर आरोप लगाए थे, इसके बाद मुख्य विपक्षी दल ने सेबी में डायरेक्टर के रूप में आईसीआईसीआई बैंक से वेतन लेने का आरोप लगाया था, हालांकि आईसीआईसीआई बैंक ने इन आरोपों का खंडन किया है। अब, वे सेबी कर्मचारियों की नाराजगी का सामना कर रही हैं।