Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2024 03:08 PM
भारतीय शेयर बाजार के नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को अपने कर्मचारियों को लेकर हाल में बैकफुट पर आना पड़ा है। 4 सितंबर 2024 को जारी एक विवादास्पद बयान को वापस ले लिया गया है, जिसमें SEBI ने चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार के नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) को अपने कर्मचारियों को लेकर हाल में बैकफुट पर आना पड़ा है। 4 सितंबर 2024 को जारी एक विवादास्पद बयान को वापस ले लिया गया है, जिसमें SEBI ने चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के खिलाफ कर्मचारियों की शिकायत के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया था।
पुराना बयान वापस
SEBI ने 16 सितंबर 2024 को एक नया बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि कर्मचारियों के मुद्दों को आंतरिक मैकेनिज्म के माध्यम से हल किया जाएगा। 4 सितंबर को जारी किया गया बयान अब वापस ले लिया गया है।
नया बयान
SEBI ने अपने नए बयान में कहा है कि कर्मचारियों ने भारतीय सिक्योरिटीज मार्केट को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सभी ग्रेड के ऑफिसर्स के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि सभी मुद्दों का समाधान आंतरिक चैनलों के माध्यम से किया जाएगा।
सौहार्दपूर्ण समाधान
SEBI ने कहा कि कर्मचारियों ने भी आंतरिक कम्यूनिकेशन को अनाधिकृत तरीके से जारी किए जाने की निंदा की है और सभी चिंताओं को सौहार्दपूर्ण तरीके से हल करने की पुष्टि की है।
कर्मचारियों की शिकायत
लगभग 500 SEBI कर्मचारियों ने 6 अगस्त 2024 को वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर दफ्तर का माहौल खराब करने, अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। कर्मचारियों ने इस पत्र में दफ्तर के खराब माहौल और बड़े अधिकारियों की चिल्लाने की आदतों का उल्लेख किया था। इसके बाद कर्मचारियों ने दफ्तर के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया था।
बयान पर विवाद
कर्मचारियों ने SEBI के उस बयान को वापस लेने की मांग की थी, जिसमें माधबी पुरी बुच के खिलाफ शिकायत के लिए बाहरी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया गया था।
SEBI के ताजे बयान से यह स्पष्ट होता है कि अब वह आंतरिक मुद्दों को बेहतर ढंग से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है।