Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Dec, 2024 12:26 PM
यदि आम आदमी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न या कागजी प्रक्रिया में देरी करता है, तो उसे जुर्माना भरकर समस्या हल करने का मौका मिल जाता है, लेकिन जब एक बड़े प्राइवेट बैंक द्वारा रेगुलेटरी कंप्लायंस की अनदेखी की जाती है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसा ही...
बिजनेस डेस्कः यदि आम आदमी अपनी इनकम टैक्स रिटर्न या कागजी प्रक्रिया में देरी करता है, तो उसे जुर्माना भरकर समस्या हल करने का मौका मिल जाता है, लेकिन जब एक बड़े प्राइवेट बैंक द्वारा रेगुलेटरी कंप्लायंस की अनदेखी की जाती है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ऐसा ही कुछ एचडीएफसी बैंक के साथ हुआ है। बैंक ने सोमवार को बताया कि सेबी ने उसे कड़ी फटकार लगाई है और एक वार्निंग लेटर जारी किया है। दरअसल, एचडीएफसी बैंक के मोर्गेज हेड अरविंद कपिल ने मार्च में इस्तीफा दिया था लेकिन बैंक ने इस सूचना को तीन दिन तक छिपाए रखा, जिसके बाद इसे सेबी को सूचित किया गया।
HDFC ने यह भी नहीं बताया, खुलासे में देरी क्यों
सेबी की ओर से एचडीएफसी बैंक को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि बैंक मार्केट रेगुलेटर सेबी को इतने अहम प्रबंधक के नौकरी छोड जाने के खुलासे में देरी के कारणों को नहीं बता पाया है। सेबी ने इसे गंभीरता से लिया है। भविष्य में इस तरह की लापरवाही से बाज आने की हिदायत दी है। साथ ही इस तरह की लापरवाही होने पर सेबी एक्ट 1992 के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है। आगे इस तरह की लापरवाही नहीं होने के लिए उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी सेबी को देने के लिए आगाह किया है। आपको बता दें कि अरविंद कपिल ने पूनावाला फिनकॉर्प में सीईओ के रूप में नौकरी ज्वाइन कर ली है।
HDFC बाजार नियामक की चिंता दूर करने के लिए उठाएगा कदम
एचडीएफसी बैंक की ओर से सोमवार की शाम को स्टॉक एक्सचेंज को दी गई सूचना में कहा गया है कि वह बाजार नियामक की चिंता को दूर करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगा। एचडीएफसी की ओर से लिस्टिंग रूल के इस उल्लंघन से कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। बैंक को बाजार में अपनी साख बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे।