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Hindenburg रिपोर्ट पर SEBI की निवेशकों को सलाह, कहा- जल्दबाजी में न लें कोई निर्णय

Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Aug, 2024 10:37 AM

sebi s advice to investors on hindenburg report said do not take

अमेरिकी शॉर्ट सेलर रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Butch) और उनके पति धवल बुच (Dhawal Butch) ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट...

बिजनेस डेस्कः अमेरिकी शॉर्ट सेलर रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) द्वारा लगाए गए आरोपों के संदर्भ में, SEBI की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Butch) और उनके पति धवल बुच (Dhawal Butch) ने बयान जारी किया है। मार्केट रेगुलेटर SEBI ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज करते हुए, सेबी पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। साथ ही, उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे इस रिपोर्ट के चलते किसी भी प्रकार के तनाव में न आएं। SEBI ने निवेशकों से अपील की है कि वे इस तरह की रिपोर्ट पढ़कर जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें, बल्कि पूरी तरह छानबीन करके ही कोई कदम उठाएं, ताकि उन्हें किसी तरह का नुकसान न हो।

सेबी ने सोमवार को मार्केट खुलने से पहले जारी अपने बयान में स्पष्ट किया कि चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच हमेशा से सभी आवश्यक जानकारियां समय-समय पर साझा करती रही हैं। उन्होंने चेयरपर्सन बनने से पहले ही संभावित हितों के टकराव से जुड़े मामलों से खुद को अलग कर लिया था। सेबी ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के भ्रम में न आएं और रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को अवश्य पढ़ें। दरअसल, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में एक डिस्क्लेमर शामिल है, जिसे सेबी ने खास तौर पर निवेशकों को ध्यान में रखने की सलाह दी है।

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Adani group के खिलाफ 23 जांच हुईं पूरी, कुछ नहीं मिला

सेबी ने बताया कि हमने पिछले साल अडानी ग्रुप (Adani group) के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद 24 में से 23 जांच पूरी कर ली हैं। इनमें पिछली बार की रिपोर्ट में लगाए गए आरोप साबित नहीं हुए हैं। अब ब्लैकस्टोन को लेकर लगाए जा रहे आरोप भी गलत हैं। सेबी ने निवेशकों से कहा कि उन्हें ऐसी रिपोर्टों को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट के डिस्क्लेमर को भी पढ़ना चाहिए। सेबी ने कनफ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट से जुड़े मसलों पर पूरा ढांचा तैयार किया हुआ है। इसमें सिक्योरिटीज की होल्डिंग और ट्रंसफर की जानकारी देनी होती है। सेबी चीफ ने इन सभी नियमों का पालन किया है।

खंगाले गए थे 12 हजार पेजों के 300 से ज्यादा दस्तावेज

सेबी ने पिछली रिपोर्ट के बाद शुरू की गई जांचों के बारे में बताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में स्थिति साफ कर दी थी। सिर्फ एक जांच अभी भी जारी है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी। हमने 100 से ज्यादा समन जारी किए थे। साथ ही 1,100 पत्र और ईमेल भी भेजे थे। इसके अलावा 100 बार से ज्यादा घरेलू और विदेशी रेगुलेटर एवं एजेंसियों से इस मसले पर मदद मांगी थी। साथ ही पिछली बार के आरोपों की जांच के लिए 12 हजार पेजों के 300 से ज्यादा दस्तावेज खंगाले गए थे।

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निवेशकों को दी सलाह

अपने बयान में सेबी ने निवेशकों से शांत रहने की अपील की है। सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि वे इस तरह की रिपोर्टों पर प्रतिक्रिया देने से पहले शांत रहें। पूरी सावधानी बरतें, उसने निवेशकों से यह भी कहा है कि वे रिपोर्ट में दिए गए डिस्क्लेमर को ध्यान से पढ़ें। इसमें कहा गया है कि पाठकों को यह मान लेना चाहिए कि रिपोर्ट में शामिल प्रतिभूतियों में हिंडनबर्ग रिसर्च की शॉर्ट पोजीशन हो सकती है।

डिस्क्लेमर में क्या लिखा है?

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के डिस्क्लेमर में लिखा है, यह रिपोर्ट सिक्योरिटीज पर कोई सलाह नहीं है। यह जांच-पड़ताल पर आधारित रिपोर्ट है। हम हर पाठक को सलाह देते हैं कि वे खुद से जांच-पड़ताल करें। हिंडनबर्ग रिसर्च के शोध का इस्तेमाल करना आपके अपने जोखिम पर है। किसी भी स्थिति में हिंडनबर्ग रिसर्च या इससे जुड़ी कोई भी पार्टी इस रिपोर्ट में दी गई जानकारी के कारण हुए किसी भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष व्यापारिक नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी। आप इस बात से सहमत हैं कि आप खुद से रिसर्च और जांच-पड़ताल करेंगे और किसी भी निवेश का फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय, कानूनी और कर सलाहकार से सलाह लेंगे।
 

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