Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Aug, 2024 05:34 PM
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 76,293 करोड़ रुपए बकाया राशि की वसूली को ‘मुश्किल' की श्रेणी में रखा है। यह पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा अदालत के आदेश से नियुक्त समितियों के समक्ष लंबित मामलों के कारण है। बकाया राशि...
नई दिल्लीः पूंजी बाजार नियामक सेबी ने 76,293 करोड़ रुपए बकाया राशि की वसूली को ‘मुश्किल' की श्रेणी में रखा है। यह पिछले साल की तुलना में चार प्रतिशत अधिक है। इसमें से एक बड़ा हिस्सा अदालत के आदेश से नियुक्त समितियों के समक्ष लंबित मामलों के कारण है। बकाया राशि की वसूली कठिन है। यह ऐसी राशि है, जिनकी वसूली पुनरुद्धार के सभी उपायों को लागू करने के बाद भी नहीं हो पाई है। सेबी ने 2023 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा, ‘‘वसूली में मुश्किल (डीटीआर) बकाया को अलग करना पूरी तरह से एक प्रशासनिक कार्य है। यह अधिकारियों को डीटीआर के रूप में अलग की गई राशि की वसूलने से नहीं रोकेगा...।''
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक सेबी ने डीटीआर के रूप में 807 मामलों की पहचान की। इनपर कुल बकाया 76,293 करोड़ रुपए था। वहीं पिछले साल 73,287 करोड़ रुपये के 692 मामले थे। इन 807 मामलों में से 36 मामले राज्य की अदालतों, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी), राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में चल रही कार्यवाही के कारण लंबित हैं। इन मामलों 12,199 करोड़ रुपए की राशि शामिल हैं।
इसके अलावा, 60 मामले अदालत द्वारा गठित समितियों के समक्ष हैं, जिनमें 59,970 करोड़ रुपए शामिल हैं। इन दोनों श्रेणियां में अभी तक वसूल की जाने वाली कुल राशि का 95 प्रतिशत हिस्सा है। सेबी अपनी कार्यवाही की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सालाना रिपोर्ट के माध्यम से 2021-22 के बाद से बकाया राशि वसूली के मुश्किल मामलों को लेकर आंकड़े जारी कर रहा है।