Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2025 12:41 PM

भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को बीएसई (BSE) के इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में गैर-प्रामाणिक ट्रेडिंग (non-genuine trades) में शामिल 10 संस्थाओं पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। प्रत्येक इकाई पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया...
बिजनेस डेस्कः भारतीय पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को बीएसई (BSE) के इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में गैर-प्रामाणिक ट्रेडिंग (non-genuine trades) में शामिल 10 संस्थाओं पर 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। प्रत्येक इकाई पर 5-5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया, जिनमें सचिन जैन एचयूएफ, मोतीलाल बैद, अजय नोपानी, दिवाकर झा, बागदेवी सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड, रीता आर ठक्कर, काला सप्लायर्स प्राइवेट लिमिटेड, मेघा निभवानी, सीताराम जयंती और अमित शॉ शामिल हैं।
सेबी की जांच और फैसले
सेबी ने पाया कि इन संस्थाओं ने अप्रैल 2014 से सितंबर 2015 के बीच बीएसई के इलिक्विड स्टॉक ऑप्शंस सेगमेंट में रिवर्सल ट्रेड्स (Reversal Trades) किए, जिससे कृत्रिम वॉल्यूम (Artificial Volume) बना। सेबी ने कहा कि रिवर्सल ट्रेड्स का कोई वित्तीय तर्क नहीं होता और यह बाजार में नकली वॉल्यूम बढ़ाकर निवेशकों को गुमराह करने का काम करता है।
मर्चेंट बैंकर का लाइसेंस रद्द
इसके अलावा, सेबी ने कॉरपोरेट स्ट्रैटेजिक एलायंज प्राइवेट लिमिटेड (Corporate Strategic Allianz Pvt Ltd) का मर्चेंट बैंकर लाइसेंस रद्द कर दिया। सेबी की अप्रैल 2022 से सितंबर 2023 तक चली जांच में नियमों के उल्लंघन की पुष्टि हुई। नियामक के अनुसार, कंपनी ने नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया, जिसके चलते उसका पंजीकरण रद्द करने का निर्णय लिया गया।
कड़े नियामकीय संकेत
इन कार्रवाइयों से साफ है कि सेबी बाजार में अनुशासन बनाए रखने के लिए सख्त रुख अपना रहा है। नियामक ने गैर-प्रामाणिक ट्रेडिंग और नियमों के उल्लंघन पर पहले भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।