Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2024 05:26 PM
देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सितंबर में 10 महीने के निचले स्तर पर आ गईं। एक मासिक सर्वेक्षण में शुक्रवार को कहा गया कि नए ऑर्डर, अंतरराष्ट्रीय बिक्री और उत्पादन वृद्धि में कमी के कारण ऐसा हुआ। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा व्यवसाय...
बिजनेस डेस्कः देश में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां सितंबर में 10 महीने के निचले स्तर पर आ गईं। एक मासिक सर्वेक्षण में शुक्रवार को कहा गया कि नए ऑर्डर, अंतरराष्ट्रीय बिक्री और उत्पादन वृद्धि में कमी के कारण ऐसा हुआ। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा व्यवसाय गतिविधि सूचकांक अगस्त के 60.9 से गिरकर सितंबर में 57.7 पर आ गया। इससे पता चलता है कि उत्पादन में वृद्धि तो हुई है लेकिन इसकी रफ्तार नवंबर 2023 के बाद से सबसे धीमी थी।
खरीद प्रबंधकों से प्राप्त सूचना के आधार पर तैयार सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब है कि गतिविधियों में विस्तार हो रहा है, जबकि 50 से नीचे का अंक संकुचन को दर्शाता है। एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ''भारत के सेवा पीएमआई आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर में सेवा क्षेत्र में धीमी गति से विस्तार हुआ। प्रमुख व्यवसाय गतिविधि सूचकांक 2024 में पहली बार 60 से नीचे आ गया लेकिन 57.7 पर यह अभी भी दीर्घकालिक औसत से बहुत ऊपर है।'' बढ़ती प्रतिस्पर्धा, लागत दबाव और उपभोक्ता तरजीह में बदलाव (ऑनलाइन सेवाओं को अपनाना) और नए निर्यात ऑर्डर में धीमी वृद्धि के कारण सूचकांक में कमी हुई।
सर्वेक्षण के अनुसार कंपनियों ने नौ महीनों में अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर में सबसे कमजोर वृद्धि की सूचना दी। हालांकि, कुछ कंपनियों ने एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, पश्चिम एशिया और अमेरिका में लाभ देखा। भंडारी ने कहा, ''सेवा कंपनियों के मार्जिन में और कमी आने की आशंका है। नए कारोबार में लंबे समय तक मजबूत वृद्धि के कारण मजबूत श्रम मांग पैदा हुई है।'' इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट उत्पादन सूचकांक अगस्त में 60.7 से गिरकर सितंबर में 58.3 पर आ गया। कारखाना उत्पादन और सेवा गतिविधि दोनों में धीमी दर से वृद्धि होने के कारण इसमें गिरावट आई।