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सर्विस सेक्टर की रफ्तार सुस्त, PMI जनवरी में घटकर दो साल के निचले स्तर पर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Feb, 2025 01:46 PM

service sector slows down pmi falls to two year low in january

भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट बिक्री व उत्पादन में धीमी वृद्धि के कारण सुस्त रही। जनवरी में सर्विस सेक्टर का PMI घटकर दो वर्षों के निचले स्तर पर आ गई। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था...

बिजनेस डेस्कः भारत के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट बिक्री व उत्पादन में धीमी वृद्धि के कारण सुस्त रही। जनवरी में सर्विस सेक्टर का PMI घटकर दो वर्षों के निचले स्तर पर आ गई। बुधवार को जारी मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था सुस्त होती खपत से जूझ रही है। खर्च को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 1 फरवरी को पेश आम बजट में मिडिल क्लास को टैक्स में कुछ राहत दी लेकिन बड़े सुधारों की घोषणा करने से बची। यह ग्रोथ को समर्थन देने के लिए बेहद जरूरी हैं।

सर्विस सेक्टर ने जनवरी में खोई ग्रोथ की रफ्तार, PMI घटकर 56.5 पर

मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया सेवा कारोबारी गतिविधि सूचकांक (HSBC final India Services Purchasing Managers’ Index) दिसंबर के 59.3 से घटकर जनवरी में 56.5 पर आ गया, जो नवंबर के बाद से इसका सबसे निचला स्तर है। क्रय प्रबंधक सूचकांक (PMI) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम का आशय संकुचन से होता है।

HSBC के भारत के मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘भारत के सर्विस सेक्टर ने जनवरी में ग्रोथ की गति खो दी, हालांकि PMI 50 के स्तर से काफी ऊपर रहा। बिजनेस एक्टिविटी और नए बिजनेस PMI इंडेक्स क्रमशः नवंबर 2022 और नवंबर 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गए।’’

अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी से ग्रोथ देखी गई, हायरिंग बढ़ी

कुल नए ऑर्डर के रुझान के विपरीत, अंतरराष्ट्रीय बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई। सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका के ग्राहकों से लाभ का उल्लेख किया। विस्तार की कुल दर पांच महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।

भंडारी ने कहा, ‘‘ … नए निर्यात कारोबार में आंशिक रूप से गिरावट रही, हालांकि 2024 के अंत में गिरावट से उबरना जारी रखा…’’ सर्वेक्षण में कहा गया कि नए बिजनेस में निरंतर सुधार और बढ़ती क्षमता दबाव ने सेवा प्रदाताओं को पिछली वित्तीय तिमाही के प्रारंभ में अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए प्रेरित किया। पूर्णकालिक तथा अंशकालिक पदों पर नियुक्तियां की गईं। दिसंबर से रोजगार सृजन की दर में तेजी आई और यह दिसंबर 2005 में डेटा संग्रह शुरू होने के बाद से सबसे तेजी से बढ़ी।

महंगाई के कारण सर्विस कंपनियों का खर्च बढ़ा

मूल्य के मोर्चे पर, सेवा कंपनियों ने अपने खर्चों में एक और उछाल देखा, जिसकी मुख्य वजह कर्मचारियों की बढ़ती लागत के साथ खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें भी रहीं। बढ़ती लागत के बोझ व मांग के लचीलेपन के परिणामस्वरूप 2025 की शुरुआत में भारतीय सेवाओं के प्रावधान के लिए लगाए गए मूल्य और भी बढ़ गए।

इस बीच, भारत की निजी क्षेत्र की ग्रोथ रेट जनवरी में कुछ धीमी हुई। एचएसबीसी इंडिया कम्पोजिट आउटपुट सूचकांक दिसंबर के 59.2 से गिरकर 14 महीने के निचले स्तर 57.7 पर आ गया। समग्र पीएमआई सूचकांक तुलनीय विनिर्माण व सेवा पीएमआई सूचकांकों का भारित औसत है। एचएसबीसी इंडिया सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 सर्विस सेक्टर की कंपनियों के समूह को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है।
 

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