Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jul, 2024 06:11 PM
शेयर बाजार में भारतीय लोगों की बढ़ती रुचि सरकार और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। आम लोग अपनी बचत को स्टॉक मार्केट (Stock market) में इंवेस्ट (Invest) कर रहे हैं जिस कारण जोखिम बढ़ गया है। ब्लूमबर्ग की एक...
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में भारतीय लोगों की बढ़ती रुचि सरकार और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। आम लोग अपनी बचत को स्टॉक मार्केट (Stock market) में इंवेस्ट (Invest) कर रहे हैं जिस कारण जोखिम बढ़ गया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल मार्च तक शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेड करने वाले 10 में से 7 लोगों को घाटा हुआ है। इससे पहले की एक रिपोर्ट में भी पाया गया था कि 10 में से 9 लोग शेयर बाजार के डेरिवेटिव्स में पैसे गंवा रहे हैं।
सरकार और सेबी की चिंता
शेयर बाजार में जल्दी पैसा कमाने की लालच से बचने की सलाह आम निवेशकों (Investors) को बार-बार दी जा रही है। मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शेयर बाजार में इन्वेस्टमेंट से होने वाले फायदे पर टैक्स बढ़ा दिया है। सरकार का मानना है कि इससे शेयर बाजार में ज्यादा जोखिम लेने वाले लोगों की संख्या कम होगी।
सरकार का दृष्टिकोण
सरकार के राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने गुरुवार को कहा कि शेयर बाजार में फ्यूचर्स और ऑप्शंस (Futures and Options) का इस्तेमाल कीमत तय करने में जरूरी है लेकिन सरकार नहीं चाहती कि आम लोग ज्यादा जोखिम लेकर शेयर बाजार में पैसा लगाएं।
कोरोना काल के बाद की स्थिति
भारत का मुख्य शेयर बाजार इंडेक्स कोरोना काल के सबसे निचले स्तर से तीन गुना से ज्यादा बढ़ गया है। इसमें आम निवेशकों का बहुत बड़ा योगदान है, खासकर जो लोग शेयर बाजार में सबसे ज्यादा रिस्क वाले फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) सेगमेंट में पैसा लगाते हैं। इन लोगों की वजह से भारत में शेयर बाजार में होने वाले कारोबार की मात्रा दुनिया में सबसे ज्यादा हो गई है।