Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Nov, 2024 02:16 PM
भारत में इंटरनेट और स्मार्टफोन के उपयोग के बढ़ने के साथ डिजिटल पेमेंट्स की प्रक्रिया भी तेजी से बढ़ी है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम के कारण। इसी दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए होने वाली धोखाधड़ी के मामलों...
बिजनेस डेस्कः भारत में इंटरनेट और स्मार्टफोन के उपयोग के बढ़ने के साथ डिजिटल पेमेंट्स की प्रक्रिया भी तेजी से बढ़ी है, खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम के कारण। इसी दौरान यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए होने वाली धोखाधड़ी के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीयों ने यूपीआई धोखाधड़ी के कारण लगभग 485 करोड़ रुपए खो दिए हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष यूपीआई के माध्यम से धोखाधड़ी की घटनाएं 6 लाख 32 हजार तक पहुंच चुकी हैं। ये आंकड़े सितंबर के महीने तक के लिए जारी किए गए हैं।
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कुल ट्रांजैक्शंस की संख्या
वहीं साल 2022-23 से अब तक की बात की जाए तो इस अवधि में 27 लाख लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं हुई है, जिसमें यूजर्स को 2145 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं सिर्फ साल 2023-24 में 13 लाख से ज्यादा लोगों के साथ यूपीआई की धोखाधड़ी हुई हैं, जिसमें इन लोगों ने कुल 1087 करोड़ रुपए गंवा दिए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, बताया जा रहा है कि यूपीआई के कारण होने वाली धोखाधड़ी की संख्या यूजर्स के बढ़ने के कारण बढ़ती जा रही है। इतना ही नहीं इन फ्रॉड की घटनाओं के बढ़ने के पीछे का कारण रियल टाइम पेमेंट्स सिस्टम के ट्रांजेक्शन की संख्या को बढ़ने को भी बताया जा रहा है।
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दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक सेक्टर
वित्त मंत्रायल में मंगलवार को ये बताया है कि भारत को इस तरह के फ्रॉड से निपटने के लिए फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने और विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के बीच बैलेंस को मेनटेन करना होगा। जिसका सीधा मतलब है कि इनोवेशन जितना बढ़ रही है, उसी हिसाब से रेग्यूलेटरी नियमों का भी पालन करना होगा। आपको बता दें कि भारत का फिनटेक सेक्टर दुनिया का सबसे बड़ा फिनटेक सेक्टर हैं। इसके साथ ही सरकार का ये भी लक्ष्य है कि फाइनेंशियल सेक्टर में आने वाले क्रांतिकारी बदलावों की रफ्तार को भी जारी रखा जाना चाहिए।