Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Oct, 2024 11:50 AM
मौजूदा वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान म्यूचुअल फंड्स में छोटे शहरों से निवेश करने वाले नए निवेशकों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 2.3 करोड़ नए निवेशक जोड़े हैं, जिनमें से 53% छोटे शहरों से हैं। जीरोधा फंड हाउस...
बिजनेस डेस्कः मौजूदा वित्त वर्ष के अप्रैल-अगस्त 2024 के दौरान म्यूचुअल फंड्स में छोटे शहरों से निवेश करने वाले नए निवेशकों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है। म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने 2.3 करोड़ नए निवेशक जोड़े हैं, जिनमें से 53% छोटे शहरों से हैं। जीरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट के अनुसार, टॉप 30 शहरों से बाहर के क्षेत्रों में निवेशकों की बढ़ती भागीदारी स्पष्ट रूप से देखी गई है। छोटे शहरों में मई से अगस्त 2024 के बीच 1 करोड़ नए फोलियो जुड़े हैं।
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AUM में छोटे शहरों की हिस्सेदारी 19%
हालांकि, छोटे शहरों से निवेशकों की संख्या बढ़ने के बावजूद कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 19% है। रिपोर्ट बताती है कि छोटे शहरों से आने वाले निवेशकों का औसत निवेश आकार बड़े शहरों के मुकाबले कम है। छोटे शहरों में रिटेल निवेशकों का औसत टिकट साइज 1.13 लाख रुपये है, जबकि टॉप 30 शहरों में यह 2.04 लाख रुपए है।
SIP में छोटे शहरों का योगदान
अगस्त 2024 तक म्यूचुअल फंड्स के कुल 54% SIP अकाउंट्स छोटे शहरों से खोले गए हैं। इनमें से 79% एसआईपी अकाउंट्स ग्रोथ या इक्विटी स्कीम्स में निवेश किए गए हैं। स्मार्टफोन ऐप्स और डिजिटल पेमेंट्स ने छोटे शहरों के निवेशकों को डायरेक्ट प्लान के जरिए निवेश करने में मदद की है, जिसमें 64 लाख नए निवेशक जुड़े हैं।
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विशाल जैन का बयान
जीरोधा फंड हाउस के सीईओ विशाल जैन ने कहा कि सरल, पारदर्शी और सस्ते प्रोडक्ट्स छोटे शहरों के निवेशकों को बेहतर वित्तीय भविष्य बनाने में मदद कर रहे हैं। इंडेक्स-आधारित प्रोडक्ट्स की लोकप्रियता में वृद्धि से छोटे शहरों में निवेश का विस्तार हो रहा है।