Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Dec, 2024 11:41 AM
भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात FY25 की अप्रैल-नवंबर अवधि में $22.5 बिलियन तक पहुंच गया है, जो FY24 में इसी अवधि के $17.66 बिलियन के मुकाबले लगभग 28% की वृद्धि को दर्शाता है। यह बढ़ोतरी इलेक्ट्रॉनिक्स को भारत के शीर्ष दस निर्यात क्षेत्रों में सबसे...
बिजनेस डेस्कः भारत से इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात FY25 की अप्रैल-नवंबर अवधि में $22.5 बिलियन तक पहुंच गया है, जो FY24 में इसी अवधि के $17.66 बिलियन के मुकाबले लगभग 28% की वृद्धि को दर्शाता है। यह बढ़ोतरी इलेक्ट्रॉनिक्स को भारत के शीर्ष दस निर्यात क्षेत्रों में सबसे तेजी से बढ़ने वाला सेक्टर बना रही है। इसने छठे स्थान से तीसरे स्थान पर छलांग लगाई है, केवल इंजीनियरिंग उत्पादों और पेट्रोलियम के बाद।
स्मार्टफोन का अहम योगदान
इस वृद्धि का मुख्य श्रेय स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देने वाली प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना को जाता है। स्मार्टफोन निर्यात $13.11 बिलियन तक पहुंच गया है, जो FY24 के $9.07 बिलियन के मुकाबले 45% की वृद्धि है। स्मार्टफोन अब कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का 58% हिस्सा रखते हैं, और यह हिस्सा FY25 के अंत तक 60-65% तक पहुंचने की उम्मीद है।
एप्पल का बड़ा प्रभाव
एप्पल की भारत में एंट्री और उसके वेंडर जैसे कि फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने स्मार्टफोन निर्यात को नई ऊंचाई तक पहुंचाया है। इस साल कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में एप्पल का योगदान लगभग 40% रहा है। अन्य प्रमुख श्रेणियों में सोलर मॉड्यूल, डेस्कटॉप और राउटर शामिल हैं।
ICEA का सुझाव
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) का कहना है कि भारत को चीन और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए शुल्क और लॉजिस्टिक्स सुधार की जरूरत है।
महत्वपूर्ण उपलब्धि
इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात अब पेट्रोलियम निर्यात के आधे तक पहुंच रहा है, जो पिछले वर्षों की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि है। अमेरिकी बाजार में स्मार्टफोन निर्यात ने अब हीरा निर्यात को भी पीछे छोड़ दिया है। सरकार घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और निर्यात आधारित विकास मॉडल को मजबूत करने के लिए टैरिफ संरचना की समीक्षा कर रही है।