Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Mar, 2025 04:00 PM

ताजा इंडस्ट्री आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) के दौरान भारत का स्मार्टफोन निर्यात 1.75 लाख करोड़ रुपए (21 अरब डॉलर) को पार कर गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 54% अधिक है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने...
बिजनेस डेस्कः ताजा इंडस्ट्री आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल-फरवरी) के दौरान भारत का स्मार्टफोन निर्यात 1.75 लाख करोड़ रुपए (21 अरब डॉलर) को पार कर गया, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 54% अधिक है। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि 2024-25 में स्मार्टफोन निर्यात 20 अरब डॉलर (1.68 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचने की उम्मीद थी लेकिन इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के आंकड़ों के अनुसार, यह लक्ष्य पहले ही पार हो चुका है।
पीएलआई स्कीम से निर्यात में तेजी
भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन की प्रमुख भूमिका रही है, जिसमें सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना का बड़ा योगदान रहा। इस योजना ने एप्पल और उसके सप्लायर्स समेत कई वैश्विक टेक कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित किया है। घरेलू उत्पादन अब भारत की मांग का 99% पूरा कर रहा है, जिससे आयात में भारी गिरावट आई है।
आईफोन सप्लाई चेन का निर्यात में 70% योगदान
तमिलनाडु स्थित फॉक्सकॉन प्लांट के जरिए एप्पल की आईफोन सप्लाई चेन ने स्मार्टफोन निर्यात में 70% योगदान दिया। अकेले फॉक्सकॉन ने विदेशी शिपमेंट में 50% की हिस्सेदारी दर्ज की और इसके निर्यात में पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 40% की बढ़ोतरी हुई।
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का 22% योगदान
आईफोन निर्माता टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने कुल स्मार्टफोन निर्यात में 22% की हिस्सेदारी निभाई। यह कर्नाटक स्थित विस्ट्रॉन प्लांट का अधिग्रहण कर चुका है। वहीं, 12% निर्यात तमिलनाडु स्थित पेगाट्रॉन प्लांट से आया, जिसमें टाटा ने जनवरी 2024 में 60% हिस्सेदारी हासिल की थी। इन अधिग्रहणों के साथ टाटा भारत में आईफोन निर्माण का एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।
सैमसंग ने दिया 20% योगदान
दक्षिण कोरियाई टेक दिग्गज सैमसंग ने भारत से कुल स्मार्टफोन निर्यात में 20% की हिस्सेदारी दर्ज की। सरकार द्वारा संसद में पेश आंकड़ों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए PLI योजना ने दिसंबर 2024 तक 10,213 करोड़ रुपए का निवेश आकर्षित किया, जिससे 1.37 लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियां सृजित हुईं और निर्यात को नई ऊंचाई मिली।
मोबाइल उत्पादन 10 वर्षों में 5 गुना बढ़ा
PLI योजना के चलते, भारत में मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 में 60 मिलियन से बढ़कर 2023-24 में 330 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया, जो 5 गुना वृद्धि दर्शाता है। मूल्य के आधार पर, मोबाइल फोन निर्माण 2014-15 में 19,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 4.22 लाख करोड़ रुपए हो गया, जिसमें 41% CAGR से वृद्धि हो रही है।
मोबाइल फोन निर्यात 129,074 करोड़ रुपए पहुंचा
बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए PLI योजना लागू होने के बाद, मोबाइल फोन निर्यात 2020-21 में 22,868 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 129,074 करोड़ रुपए हो गया, जो 78% CAGR की वृद्धि दर्शाता है।
इसके अलावा, 2015 में भारत में बिकने वाले 74% मोबाइल फोन आयात किए जाते थे, जबकि अब 99.2% मोबाइल फोन भारत में ही निर्मित हो रहे हैं, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल की बड़ी सफलता को दर्शाता है।