Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Jul, 2024 12:11 PM
वित्त वर्ष 2025 के पूर्ण बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास से संबंधित सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए ज्यादा धनराशि का आवंटन किया जा सकता है। इसका मकसद समाज के कमजोर वर्गों को राहत देकर ग्रामीण मांग को बढ़ावा देना है। बजट 23 जुलाई को...
नई दिल्लीः वित्त वर्ष 2025 के पूर्ण बजट में स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास से संबंधित सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए ज्यादा धनराशि का आवंटन किया जा सकता है। इसका मकसद समाज के कमजोर वर्गों को राहत देकर ग्रामीण मांग को बढ़ावा देना है। बजट 23 जुलाई को पेश होगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘ग्रामीण भारत पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है और इसकी झलक सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए बजट आवंटन में दिख सकती है।’
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपनी रिपोर्ट में संभावना जताई है कि अंतरिम बजट की तुलना में राजस्व खर्च का लक्ष्य बढ़ सकता है। इसके लिए नई योजनाएं आ सकती हैं या कुछ मौजूदा योजनाओं में आंवटन बढ़ाया जा सकता है। इक्रा का अनुमान है कि सरकार का राजस्व व्यय 37 लाख करोड़ से 37.1 लाख करोड़ रुपए रह सकता है, जो अंतरिम बजट से 50,000 से 60,000 करोड़ रुपए अधिक है। यह पिछले साल के मुकाबले 6 से 6.3 फीसदी अधिक रकम है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘अतिरिक्त आवंटन व्यापक तौर पर ब्याज और सब्सिडी से अलग होने की संभावना है। आवंटन बढ़ाने का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान देना है क्योंकि 2023 में कम और असमान्य मॉनसून के कारण ग्रामीण मांग में कमी बनी हुई है।’ सामाजिक क्षेत्र के तहत शिक्षा को गुणवत्ता की कमी जैसा ज्वलंत मसला हल करने के लिए अतिरिक्त रकम मिल सकती है। समाज विज्ञानी अमिताभ कुंडू ने कहा, ‘शिक्षा पर आम लोगों का खर्च शून्य से लेकर 2 लाख रुपए (अमीर तबके द्वारा) सालाना तक है, जिससे पता चलता है कि शिक्षा में कितनी अधिक असमानता है।’ प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए भी बजट में ज्यादा राशि आवंटित की जा सकती है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना को भी ज्यादा रकम मिल सकती है मगर यह वृद्धि बजट के अनुपात में होगी। वित्त वर्ष 2025 के अंतरिम बजट में मनरेगा को 86,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे, जो पिछले वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान के बराबर थे। कुंडू ने कहा, ‘वृद्धि और रोजगार पर जोर रहेगा। सरकार की स्थिरता पर अभी कोई खतरा नहीं है, इसलिए वह विकास का एजेंडा बढ़ाने पर जोर देगी।’
भारतीय जनता पार्टी ने चुनावी घोषणा पत्र में 70 साल से अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाने का वादा किया था। इस कारण बजट में इस क्षेत्र को 7,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं। मगर स्वच्छ भारत मिशन और जल शक्ति मिशन जैसी कई सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए आवंटन में ज्यादा इजाफा होने की उम्मीद नहीं है।