Edited By rajesh kumar,Updated: 22 Oct, 2024 08:14 PM
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की विदेशी अनुषंगियों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं समेत देश का सॉफ्टवेयर सेवाओं का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 205.2 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।
नेशनल डेस्क: भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों की विदेशी अनुषंगियों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं समेत देश का सॉफ्टवेयर सेवाओं का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 205.2 अरब डॉलर हो गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है।
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं (आईटीईएस) के निर्यात पर आरबीआई के वार्षिक सर्वेक्षण 2023-24 से पता चलता है कि भारत का सॉफ्टवेयर सेवाओं का निर्यात (विदेशों में वाणिज्यिक उपस्थिति के माध्यम से उनकी बिक्री को छोड़कर) सालाना आधार पर 2.8 प्रतिशत बढ़कर 190.7 अरब डॉलर हो गया।
आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका 54 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ भारतीय सॉफ्टवेयर निर्यात का प्रमुख गंतव्य रहा। उसके बाद यूरोप (31 प्रतिशत हिस्सेदारी) का स्थान था जिसमें ब्रिटेन की अहम मौजूदगी रही। सर्वेक्षण में 7,226 सॉफ्टवेयर निर्यात कंपनियों से संपर्क किया गया। इनमें से 2,266 कंपनियों ने जवाब दिए जिनमें अधिकांश बड़ी कंपनियां शामिल थीं। भाग लेने वाली कंपनियों की कुल सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात में लगभग 89 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
आरबीआई सर्वेक्षण कहता है कि वित्त वर्ष 2023-24 में कुल सॉफ्टवेयर सेवा निर्यात में कंप्यूटर सेवाओं का हिस्सा दो-तिहाई से अधिक था और आईटीईएस निर्यात में बीपीओ सेवाएं प्रमुख घटक रहीं। सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की तुलना में निजी क्षेत्र की कंपनियों ने सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात में उच्च वृद्धि दर्ज की।