SGB से कृषि, सौर ऊर्जा, मेट्रो रेल को मिलेगा बढ़ावा, MNRE के प्रस्ताव से इन योजनाओं को मिलेगी मदद

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Jul, 2024 01:11 PM

sovereign green bond will boost agriculture solar energy

ऊर्जा बुनियादी ढांचा मंत्रालयों ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SGB) के माध्यम से हरित ऊर्जा, ऊर्जा परिवर्तनों और पारगमन विकास परियोजनाओं के लिए 32,000 करोड़ रुपए की मांग की है। केंद्रीय बजट के व्यय संबंधी दस्तावेजों के अनुसार, ‘वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों...

नई दिल्लीः ऊर्जा बुनियादी ढांचा मंत्रालयों ने सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (SGB) के माध्यम से हरित ऊर्जा, ऊर्जा परिवर्तनों और पारगमन विकास परियोजनाओं के लिए 32,000 करोड़ रुपए की मांग की है। केंद्रीय बजट के व्यय संबंधी दस्तावेजों के अनुसार, ‘वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों में एसजीबी के जरिये धन जुटाने की पात्र योजनाओं के लिए 32,061 करोड़ रुपए के कोष संबंधी जरूरत का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि वित्त वर्ष 25 में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड के जरिए वास्तविक राशि कितनी जुटाई जाती है, इसका निर्णय/अधिसूचना बाद में अलग से जारी की जाएगी।’

सौर परियोजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपए की मांग 

इस क्रम में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने सबसे बड़ी हिस्सेदारी का प्रस्ताव पेश किया है। यह मंत्रालय हरित बॉन्ड जारी करके पीएम कुसुम योजना, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (NGHM) और कई सौर व पवन ऊर्जा योजनाओं के लिए वित्तीय मदद देगा।

एमएनआरई ने सौर परियोजनाओं के लिए 10,000 करोड़ रुपए की मांग की है जो कि केंद्र के ऊर्जा के बदलाव की पहल के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है। अधिकारियों के अनुसार इनमें कई प्रस्ताव शामिल होंगे और सौर आपूर्ति श्रृंखला की कई नई योजनाएं होंगी।

केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बजट पेश किए जाने के बाद मंगलवार को कहा था कि जरूरत इससे कहीं अधिक हो सकती है और इस बारे में विचार-विमर्श जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘वित्त मंत्रालय ने इस जरूरत का प्रस्ताव पेश किया है। इस बारे में सिलसिलेवार विचार-विमर्श किया जाएगा और इसके बाद आवंटन तय होगा।’ उन्होंने बताया, ‘सॉवरेन बॉन्ड ने कई महत्त्वपूर्ण हरित योजनाओं की मदद की है और केंद्र सरकार अधिक मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।’

ग्रीन बॉन्ड से हरित ऊर्जा के अलावा के अलावा कई अन्य खंडों जैसे सार्वजनिक यातायात को भी मदद मिलेगी। राष्ट्रीय मिशन हरित भारत का लक्ष्य हरियाली के दायरे की रक्षा व उसका संरक्षण करना है। इस क्रम में ही रेलवे तीन हरित परियोजनाएं चला रहा है- ऊर्जा दक्षता वाले तीन चरण के इलेक्ट्रिक लूप का उत्पादन, कोलकाता हवाई अड्डे के करीब मेट्रो रेल का निर्माण और कोलकाता शहर में ही एक अन्य मेट्रो स्टेशन माझेरहाट का निर्माण शामिल है। इसके अलावा आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को कई मेट्रो परियोजनाओं में इक्विटी निवेश के लिए करीब 3,364 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
 

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