Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 May, 2024 03:08 PM
केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन के 1,323 करोड़ रुपए से अधिक के मुआवजे के दावे को स्पाइसजेट ने निराधार और कानूनी रूप से गलत बताया है। केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने सोमवार को कहा था कि वे स्पाइसजेट और उसके प्रमुख अजय सिंह से 1,323 करोड़ रुपए से अधिक के...
नई दिल्लीः केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन के 1,323 करोड़ रुपए से अधिक के मुआवजे के दावे को स्पाइसजेट ने निराधार और कानूनी रूप से गलत बताया है। केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने सोमवार को कहा था कि वे स्पाइसजेट और उसके प्रमुख अजय सिंह से 1,323 करोड़ रुपए से अधिक के मुआवजे की मांग करेंगे।
शेयर बाजारों को भेजी सूचना में स्पाइसजेट ने कहा कि वह केएएल एयरवेज और मारन द्वारा 1,323 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग को सिरे से खारिज करती है। एयरलाइन ने मंगलवार को फाइलिंग में कहा, "ये दावे न केवल कानूनी रूप से आधारहीन हैं, बल्कि मध्यस्थता न्यायाधिकरण और फिर दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पहले खारिज किए गए दावों के प्रतिशोध में किए गए हैं।"
विमानन कंपनी के मुताबिक, केएएल एयरवेज और मारन ने शुरुआत में मध्यस्थता प्रक्रिया के दौरान 1,300 करोड़ रुपए से अधिक के मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने कहा, 'इस दावे की गहनता से जांच की गई और बाद में उच्चतम न्यायालय के तीन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के पैनल ने इसे खारिज कर दिया। इसके बाद केएएल एयरवेज और कलानिधि मारन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष अपील कर क्षतिपूर्ति राशि की मांग की, जिसे अदालत ने फिर खारिज कर दिया।
स्पाइसजेट ने यह भी कहा कि दोनों पक्षों ने अपीलीय क्षेत्राधिकार के समक्ष किसी भी अपील को आगे नहीं बढ़ाने का विकल्प चुना और परिणामस्वरूप, मामले को अंतिम रूप दिया गया। इससे पहले 17 मई को अदालत की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश की उस पीठ के आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसमें मारन को 579 करोड़ रुपए और ब्याज लौटाने के फैसले को बरकरार रखा गया था।
पीठ ने 31 जुलाई, 2023 को पारित एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाले सिंह और स्पाइसजेट द्वारा दायर अपीलों को अनुमति देते हुए मध्यस्थ पुरस्कार को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर नए सिरे से विचार करने के लिए मामले को संबंधित अदालत में वापस भेज दिया था। उसके बाद, मारन और उनकी फर्म केएएल एयरवेज ने अपने अधिवक्ता के साथ परामर्श के बाद फैसले को चुनौती देने का निर्णय किया।