Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Sep, 2024 11:28 AM
विमानन कंपनी स्पाइसजेट (Spicejet) ने खुलासा किया है कि मार्च 2020 से अगस्त 2024 तक वह 427 करोड़ रुपए की सांविधिक देनदारियों का भुगतान नहीं कर पाई। इसमें 219.8 करोड़ रुपए का स्रोत पर कर कटौती (TDS), 71.33 करोड़ रुपए का GST और 135.47 करोड़ रुपए का...
बिजनेस डेस्कः विमानन कंपनी स्पाइसजेट (Spicejet) ने खुलासा किया है कि मार्च 2020 से अगस्त 2024 तक वह 427 करोड़ रुपए की सांविधिक देनदारियों का भुगतान नहीं कर पाई। इसमें 219.8 करोड़ रुपए का स्रोत पर कर कटौती (TDS), 71.33 करोड़ रुपए का GST और 135.47 करोड़ रुपए का भविष्य निधि (PF) बकाया शामिल है।
QIP के जरिये 3,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना
इसके अलावा स्पाइसजेट के 58 विमानों में से 36 विमान पट्टेदारों को बकाया चुकाने और उचित रख-रखाव की कमी के कारण संचालन में नहीं हैं। कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि वह पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के जरिये 3,000 करोड़ रुपए जुटाने की योजना बना रही है।
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वित्तीय विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
कानून के विशेषज्ञों ने कहा कि GST की चोरी एक गंभीर अपराध है, क्योंकि इसे ग्राहकों से वसूलने के बाद भी सरकार को जमा नहीं किया गया। इसे अपराध माना जाता है और इसमें कम से कम 60 दिन की जेल हो सकती है। इसी तरह TDS के भुगतान में भी देरी पर ब्याज के साथ जुर्माना लगता है।
पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग के अनुसार, स्पाइसजेट के प्रबंधन पर जुर्माने के साथ कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि कंपनी अपने अस्तित्व के आखिरी चरण में है और यदि GST प्राधिकरण ने कार्रवाई में देरी की है, तो यह पक्षपात का मामला हो सकता है।
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कर्मचारियों और हवाईअड्डों पर बकाया
स्पाइसजेट पर 15 सितंबर तक कर्मचारियों का 118.9 करोड़ रुपए और हवाईअड्डों का 290 करोड़ रुपए का बकाया है। कंपनी ने कहा कि नए पूंजी जुटाने के बाद वह इन बकायों का भुगतान करेगी और अपने बेड़े में नए विमान शामिल करने के लिए 370 करोड़ रुपए खर्च करेगी।
भविष्य की संभावनाएं
विमानन विश्लेषक अमेय जोशी ने कहा कि सांविधिक अनुपालन में देरी के बावजूद, स्पाइसजेट इस संकट से उबर सकती है, बशर्ते इसका परिचालन बाधित न हो।