SpiceJet ने QIP के जरिये जुटाए 3,000 करोड़ रुपए, 10% उछल गए शेयर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2024 01:30 PM

spicejet raised rs 3 000 crore through qip

स्पाइसजेट (SpiceJet) ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIP) को शेयर बेचकर 3,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इससे संघर्ष कर रही एयरलाइन को बहुत जरूरी मदद मिली है। सोसाइटी जनरल – ओडीआई, गोल्डमैन सैक्स (सिंगापुर) पीटीई – ओडीआई, नोमुरा सिंगापुर लिमिटेड...

बिजनेस डेस्कः स्पाइसजेट (SpiceJet) ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIP) को शेयर बेचकर 3,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इससे संघर्ष कर रही एयरलाइन को बहुत जरूरी मदद मिली है। सोसाइटी जनरल – ओडीआई, गोल्डमैन सैक्स (सिंगापुर) पीटीई – ओडीआई, नोमुरा सिंगापुर लिमिटेड ओडीआई और डिस्कवरी ग्लोबल ऑपर्चुनिटी (मॉरीशस) लिमिटेड विदेशी संस्थाएं उन निवेशकों में शामिल हैं। इन्हें एयरलाइन के योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) के तहत शेयर आवंटित किए गए हैं। आज स्पाइसजेट के शेयर रॉकेट बन गए और 10 फीसदी उछल गए।

एक रेग्युलेटरी फाइलिंग के अनुसार, एयरलाइन की फंड जुटाने वाली समिति ने 20 सितंबर को 80 से अधिक क्यूआईपी प्रतिभागियों को 61.60 रुपए प्रति शेयर की कीमत पर 48.70 करोड़ से अधिक शेयर आवंटित करने को मंजूरी दी। कुल मिलाकर 3,000 करोड़ रुपए की सिक्योरिटीज जारी की गई हैं। शनिवार को बीएसई को दी गई फाइलिंग में कहा गया, “इश्यू में इक्विटी शेयरों के आवंटन के बाद कंपनी की पेडअप इक्विटी शेयर कैपिटल 7,94,67,27,170 रुपए से बढ़कर 12,81,68,57,030 रुपए हो गई है, जिसमें 1,28,16,85,703 इक्विटी शेयर शामिल हैं।”

19 वर्षों से उड़ान भर रही स्पाइसजेट कई चुनौतियों का सामना कर रही है और नया फंड जुटाने से एयरलाइन को विभिन्न बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। इस पैसे का उपयोग विमान और इंजन लीज पर देने वालों, इंजीनियरिंग वेंडर्स और फाइनेंसर्स सहित लेनदारों की देनदारियों के निपटान के लिए किया जाएगा। पांच आवंटियों को क्यूआईपी में पेश किए गए शेयरों में से प्रत्येक को पांच प्रतिशत से अधिक प्राप्त हुआ है।

इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह एयरलाइन में 10 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी बेच सकते हैं। इश्यू के बाद शेयरहोल्डिंग पैटर्न में आए बदलाव के बारे में बीएसई को कुछ समय बताया जाएगा। इस फंडिंग से स्पाइसजेट को निकट भविष्य में मदद मिलेगी लेकिन एयरलाइन को लंबी अवधि में परिचालन की स्थिरता सुनिश्चित करनी होगी और एयरलाइन सेगमेंट में तीव्र प्रतिस्पर्धा के बीच अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार करना होगा।

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