Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Dec, 2024 04:44 PM
भारत की प्रमुख विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 2,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। यह कदम कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधार ने और लागत कम करने की रणनीति के तहत उठाया गया है।
बिजनेस डेस्कः भारत की प्रमुख विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने वित्तीय वर्ष 2024 में लगभग 2,000 कर्मचारियों की छंटनी की है। यह कदम कंपनी की वित्तीय स्थिति सुधार ने और लागत कम करने की रणनीति के तहत उठाया गया है।
विभागों पर पड़ा असर
स्पाइसजेट ने 716 स्थायी पुरुष कर्मचारियों, 618 स्थायी महिला कर्मचारियों, 531 अस्थायी पुरुष कर्मचारियों और 30 अस्थायी महिला कर्मचारियों को हटाया है। हालांकि छंटनी के बावजूद न्यूनतम वेतन से अधिक कमा रहे कर्मचारियों का प्रतिशत बढ़ा है।
स्थायी कर्मचारियों में वेतन वृद्धि के आंकड़े
- पुरुष: न्यूनतम वेतन से 74% अधिक
- महिलाएं: न्यूनतम वेतन से 56% अधिक
अस्थायी कर्मचारियों के लिए
- पुरुष: 1% से बढ़कर 8%
- महिलाएं: 2% से बढ़कर 16%
वेतन और लाभ खर्च में कमी
कर्मचारियों के वेतन और लाभ में 9% की गिरावट आई है, जो 8,438.71 मिलियन रुपए से घटकर 7,705.44 मिलियन रुपए हो गया। स्पाइसजेट के चेयरमैन अजय सिंह का सालाना वेतन 54 मिलियन रुपए रहा, जो औसत कर्मचारी वेतन से 211 गुना अधिक है।
आर्थिक प्रदर्शन और लागत प्रबंधन
- कुल आय में 14% की गिरावट, जो 70,499.74 मिलियन रुपए रही।
- विमान ईंधन खर्च में 37% की कमी।
- वेट-लीसिंग के कारण लीज़ रेंटल खर्च 70% बढ़ा।
- शुद्ध हानि 4,094.39 मिलियन रुपए रही, जो पिछले वर्ष की तुलना में कम है।
कर्मचारियों और यूनियनों का विरोध
कंपनी ने 3,000 करोड़ रुपए योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) से जुटाए हैं और 736 करोड़ रुपए की वसूली की योजना बना रही है। स्पाइसजेट के इस कदम ने कर्मचारियों और यूनियनों में असंतोष बढ़ा दिया है। यूनियनों ने छंटनी के कारण कर्मचारियों के लिए बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है।
स्पाइसजेट के चेयरमैन ने कहा, "हमने जीएसटी और टीडीएस से जुड़ी सभी बकाया देनदारियों का भुगतान कर दिया है और अब अन्य प्रमुख निपटानों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।"
बेड़े की स्थिति
स्पाइसजेट का बेड़ा 2023 में 76 विमानों से घटकर 2024 में 65 विमानों तक सिमट गया है, जिसमें 60 विमान ही ऑपरेशनल हैं। कुछ विमान वित्तीय भुगतान में देरी के कारण ग्राउंडेड हैं। स्पाइसजेट के इस निर्णय ने कंपनी के संचालन को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं लेकिन यह कदम कंपनी को आर्थिक स्थिरता की ओर ले जाने का दावा करता है।