Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Sep, 2024 12:44 PM
सितंबर से नवंबर के बीच त्योहारी सीजन के दौरान बाजार और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव देखा जाता है। इस अवधि में उपभोक्ता खरीदारी बढ़ जाती है, जो विशेष रूप से घर, गाड़ियां, ज्वेलरी, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और सजावटी सामान के सेक्टरों में नजर आता है।...
बिजनेस डेस्कः सितंबर से नवंबर के बीच त्योहारी सीजन के दौरान बाजार और अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव देखा जाता है। इस अवधि में उपभोक्ता खरीदारी बढ़ जाती है, जो विशेष रूप से घर, गाड़ियां, ज्वेलरी, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स और सजावटी सामान के सेक्टरों में नजर आता है। इस दौरान सेंसेक्स ने 2019 से 2023 के बीच 3.33% से 14.3% तक की वृद्धि दर्ज की है।
पिछले 10 वर्षों का ट्रेंड
त्योहारी सीजन के दौरान शेयर बाजारों में आमतौर पर वृद्धि देखी जाती है। खरीदारी की बढ़ती प्रवृत्ति सेंसेक्स और निफ्टी जैसे प्रमुख इंडेक्स को औसत से अधिक रिटर्न प्रदान करती है।
सेक्टर विशेष की परफॉर्मेंस
रियल एस्टेट: निफ्टी रियल्टी इंडेक्स ने पिछले 5 वर्षों में 302% रिटर्न दिया।
मेटल्स: 286% रिटर्न।
ऑटोमोबाइल: 256% रिटर्न।
निफ्टी ऑटो: पिछले तीन वर्षों में 152% रिटर्न।
इन सेक्टरों के शेयरों में भी तेजी की उम्मीद
एफएमसीजी: त्योहारों के दौरान एफएमसीजी सेक्टर में खपत बढ़ती है, जिससे इसमें वृद्धि की उम्मीद रहती है।
आईटी: अमेरिका में ब्याज दरों में कमी से आउटसोर्सिंग डिमांड बढ़ सकती है, जिससे आईटी शेयरों की परफॉर्मेंस में सुधार हो सकता है।
बैंकिंग: होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की मांग बढ़ने से बैंकिंग शेयरों में उछाल आने की संभावना है।