Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Apr, 2025 10:33 AM
कमजोर वैश्विक संकेतों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ संबंधी घोषणा के बाद वैश्विक मंदी की आशंका गहराती नजर आ रही है। इसका असर शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक से अधिक टूटा और निफ्टी...
बिजनेस डेस्कः कमजोर वैश्विक संकेतों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ संबंधी घोषणा के बाद वैश्विक मंदी की आशंका गहराती नजर आ रही है। इसका असर शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजार पर भी देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 600 अंक से अधिक टूटा और निफ्टी 23,000 के करीब पहुंच गया।
सुबह 9:50 बजे, बीएसई सेंसेक्स 625.18 अंक या 0.82% की गिरावट के साथ 75,670.18 पर और निफ्टी50 245.65 अंक या 1.06% की गिरावट के साथ 23,004.45 पर ट्रेड कर रहा था। आज की बात करें तो इस झटके से BSE पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2.02 लाख करोड़ रुपए घट गया है।
अमेरिकी शेयर बाजार में गुरुवार को मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। इससे निवेशकों को 2.4 ट्रिलियन डॉलर की चपत लगी है।
प्रमुख शेयरों का हाल
- गिरावट वाले शेयर: टाटा मोटर्स, टाटा स्टील (-4.5%), इन्फोसिस, एलएंडटी, मारुति, टेक महिंद्रा, ओएनजीसी (-6%), यस बैंक (-3%)
- तेजी वाले शेयर: एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा
सेक्टोरल इंडेक्स भी दबाव में हैं
- निफ्टी मेटल: 3.2% गिरावट
- ऑटो, आईटी, फार्मा, रियल्टी, हेल्थकेयर, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस इंडेक्स: 1-2% की गिरावट
दूसरे बाजारों का हाल
एशियाई बाजारों में हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन गिरावट दिख रही है। जापान के निक्केई में 3.14% और कोरिया के कॉस्पी में 0.8% गिरावट आई है। चीन के बाजार में आज छुट्टी है। इससे पहले बुधवार को Nasdaq Composite Index में 5.97% गिरावट आई जो मार्च 2020 के बाद इसमें एक दिन में आई सबसे बड़ी गिरावट है। S&P 500 और Dow Jones Industrial Average में भी जून 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट रही। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 4 अप्रैल को 2,806 करोड़ रुपए के शेयर बेचे जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 221.47 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।