Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 Sep, 2024 10:50 AM
आमतौर पर शनिवार और रविवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहता है। यहां कोई कामकाज नहीं होता लेकिन आज शनिवार होने के बावजूद शेयर बाजार कुछ समय के लिए खुला रहेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) आज शनिवार को अपनी डिजास्टर रिकवरी साइट पर मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित...
बिजनेस डेस्कः आमतौर पर शनिवार और रविवार को भारतीय शेयर बाजार बंद रहता है। यहां कोई कामकाज नहीं होता लेकिन आज शनिवार होने के बावजूद शेयर बाजार कुछ समय के लिए खुला रहेगा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) आज शनिवार को अपनी डिजास्टर रिकवरी साइट पर मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित करेगा। एनएसई ने एक सर्कुलर जारी कर कहा कि 28 सितंबर को कैपिटल मार्केट सेगमेंट में मॉक ट्रेडिंग सेशन चलेगा। साथ ही टेस्टिंग फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में भी ट्रेडिंग होगी। इस दौरान डिजास्टर रिकवरी साइट पर स्विच-ओवर किया जाएगा। ऐसा इसलिए हो रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी इमरजेंसी में भी स्टॉक एक्सचेंज की सर्विस पर कोई असर न पड़े और कामकाज सुचारू रूप से चल सकें।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की टाइमिंग
एनएसई ने सर्कुलर में बताया कि शनिवार को मॉक ट्रेडिंग सेशन दोपहर 12 बजे शुरू होकर 1 बजे तक चलेगा। जबकि डिजास्टर रिकवरी साइट पर ही एनएसई ने 30 सितंबर से 3 अक्टूबर तक लाइव ट्रेडिंग सेशन भी शेड्यूल किए हैं। इसमें 30 सितंबर और 1 अक्तूबर के सेशन रेग्युलर मार्केट टाइमिंग के दौरान होंगे।
एनएसई ने ‘एक्सचेंज कंटिंजेंसी टेस्ट’ के लिए ये मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित किया है। साल 2024 में एनएसई ने इस तरह के दो ट्रेडिंग सेशन पहले भी आयोजित किए हैं। यह एनएसई द्वारा आयोजित इस साल तीसरा स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन है। इससे पहले 2 मार्च और 18 मई को स्पेशल लाइव ट्रेडिंग सेशन आयोजित हुए थे।
क्या आम निवेशक कर सकेंगे ट्रेडिंग?
ये एक मॉक ट्रेडिंग सेशन है, इसलिए एनएसई ने अपने मेंबर्स को 12 से 1 के हिसाब से टाइमिंग मैच करने के लिए कहा है। मॉक ट्रेडिंग सेशन में ब्रोकर्स और उनके क्लाइंट्स ‘बाय’ और ‘सेल’ ऑर्डर प्लेस कर सकते हैं। हालांकि इस दौरान कोई फाइनेंशियल लेनदेन नहीं होगा।
मॉक ट्रेडिंग सेशन आम तौर पर किसी नए सिस्टम, अल्गोरिद्म के टेस्ट और एक्सचेंज द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले बदलाव को समझने का एक मौका होता है। ऐसे में आम निवेशक ट्रेडिंग का हिस्सा बन सकेंगे लेकिन उनका असलियत में कोई लेन-देन इस दौरान नहीं होगा।
इस तरह के सेशन का फायदा एक्सचेंज को लॉन्ग टर्म में होता है। ये रिस्क मैनेजमेंट का एक पार्ट है। साइबर अटैक, सिस्टम ग्लिच या फेलियर जैसी इमरजेंसी सिचुएशन में मार्केट ऑपरेशन को सुचारू रखने के लिए इस तरह के टेस्ट किए जाते हैं।