Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Aug, 2024 06:15 PM
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में इस वर्ष जनवरी-जून के दौरान भंडारण (वेयरहाउसिंग) और लॉजिस्टिक्स स्थानों की पट्टा गतिविधियों में 77 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी वेस्टियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान चेन्नई में मांग...
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में इस वर्ष जनवरी-जून के दौरान भंडारण (वेयरहाउसिंग) और लॉजिस्टिक्स स्थानों की पट्टा गतिविधियों में 77 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। रियल एस्टेट परामर्श कंपनी वेस्टियन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान चेन्नई में मांग में तीन गुना हो गई। जनवरी-जून, 2024 के लिए वेस्टियन की नवीनतम वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स सेक्टर समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष की पहली छमाही के दौरान जनवरी-जून में सात प्रमुख शहरों में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स स्थानों का पट्टा आठ प्रतिशत बढ़कर 1.66 करोड़ वर्ग फुट हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.54 करोड़ वर्ग फुट था।
इस साल जनवरी-जून के दौरान प्रमुख सात शहरों में से सर्वाधिक 77 प्रतिशत गिरावट के साथ दिल्ली-एनसीआर में 11 लाख वर्ग फुट क्षेत्रफल का पट्टा किया गया, जो पिछले साल समान अवधि में 47 लाख वर्ग फुट था। इसी तरह, कोलकाता में मांग आठ लाख वर्ग फीट से 65 प्रतिशत घटकर तीन लाख वर्ग फुट रह गई। बेंगलुरु में भंडारण क्षेत्र में पट्टा 17 लाख वर्ग फुट से 19 प्रतिशत घटकर 14 लाख वर्ग फुट रह गई। हालांकि, चेन्नई में स्थानों का पट्टा बढ़कर 15 लाख वर्ग फुट हो गया, जो पिछले साल पहली छमाही में पांच लाख वर्ग फुट था।
हैदराबाद में भंडारण स्थानों का पट्टा 13 लाख वर्ग फुट से 48 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख वर्ग फुट हो गया। मुंबई और पुणे दोनों का संयुक्त रूप से जनवरी-जून, 2024 में कुल पट्टा में 63 प्रतिशत योगदान रहा। मुंबई में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र का पट्टा 38 लाख वर्ग फुट से 80 प्रतिशत बढ़कर 68 लाख वर्ग फुट हो गया। पुणे में जनवरी-जून 2024 में पट्टा 40 प्रतिशत बढ़कर 36 लाख वर्ग फुट हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 26 लाख वर्ग फुट था।