Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2025 05:38 PM
पश्चिमी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में इस बार ट्रैक्टरों पर लदे गन्ने की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। इसका असर सर्दियों में बनने वाले गाजर के हलवे की मिठास पर पड़ सकता है। हाल ही में जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA)...
बिजनेस डेस्कः पश्चिमी उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे गन्ना उत्पादक क्षेत्रों में इस बार ट्रैक्टरों पर लदे गन्ने की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। इसका असर सर्दियों में बनने वाले गाजर के हलवे की मिठास पर पड़ सकता है। हाल ही में जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच, चीनी मार्केट ईयर की पहली तिमाही में चीनी उत्पादन में 16% की गिरावट आई है। आने वाले दिनों में इसका प्रभाव चीनी की कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में देखा जा सकता है।
तीन महीने में कितना हुआ चीनी का प्रोडक्शन
ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच चीनी मार्केट की पहली तिमाही में 16 फीसदी कम चीनी का उत्पादन हुआ है। आपको बता दें बीते साल इसी समय अवधि में 113.01 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, जो इस साल घटकर 95.40 लाख टन रह गया।
क्यों घटा चीनी का उत्पादन
ISMA की रिपोर्ट के अनुसार, देश में चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का योगदान सबसे ज्यादा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में गन्ने की पेराई दर पिछले साल की तुलना में बेहतर रही है लेकिन पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश में बारिश की वजह से गन्ने की पेराई प्रभावित हुई है, जिससे वजह से चीनी का उत्पादन कम हुआ है।
512 की जगह 493 चीनी मिल चालू
ISMA के अनुसार 2023 में अक्टूबर से दिसंबर के बीच 512 चीनी मिल में गन्ने की पेराई हो रही थी लेकिन इस बार अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच केवल 493 चीनी मिल में ही गन्ने की पेराई की जा रही है। चीनी उत्पादन मार्केट ईयर 2024-25 (सितंबर-अक्टूबर) के बीच पहली तिमाही में चीनी उत्पादन घटकर 32.80 लाख टन रह गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 34.35 लाख टन था।