Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Nov, 2024 10:28 AM
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ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का आईपीओ आज (बुधवार) शेयर मार्केट में लिस्ट हुआ। लिस्टिंग पर यह निवेशकों के लिए अच्छे संकेत लेकर आया। BSE पर यह 5.64 फीसदी प्रीमियम के साथ 412 रुपए पर लिस्ट हुआ, जबकि NSE पर यह 7.69 फीसदी प्रीमियम के साथ 420 रुपए...
बिजनेस डेस्कः ऑनलाइन फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी का आईपीओ आज (बुधवार) शेयर मार्केट में लिस्ट हुआ। लिस्टिंग पर यह निवेशकों के लिए अच्छे संकेत लेकर आया। BSE पर यह 5.64 फीसदी प्रीमियम के साथ 412 रुपए पर लिस्ट हुआ, जबकि NSE पर यह 7.69 फीसदी प्रीमियम के साथ 420 रुपए पर लिस्ट किया गया। यह निवेशकों को शुरुआती लाभ प्रदान करने में सफल रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, लिस्टिंग थोड़ी कमजोर है लेकिन मौजूदा गिरते मार्केट को देखते हुए इसे सकारात्मक माना जा रहा है। ऐसे में निवेशकों को अभी अपने शेयर होल्ड करने की सलाह दी गई है।
स्विगी के आईपीओ का प्राइस बैंड 371 से 390 रुपए था, जिसमें अंतिम प्राइस 390 रुपए निर्धारित किया गया। BSE पर लिस्टिंग 412 रुपए पर होने के कारण निवेशकों को प्रति शेयर 22 रुपए का लाभ मिला।
निवेशकों की रुचि
स्विगी के आईपीओ को शुरुआती दौर में निवेशकों का अच्छा रिस्पॉन्स नहीं मिला। इसका आईपीओ 6 नवंबर को ओपन हुआ और 8 नवंबर को बंद हुआ। पहले दो दिनों में ठंडा रिस्पॉन्स मिलने के बाद, अंतिम दिन संस्थागत निवेशकों ने इसमें रुचि दिखाई और आईपीओ 3.6 गुना सब्सक्राइब हो पाया।
ग्रे मार्केट का हाल
ग्रे मार्केट में भी स्विगी के आईपीओ को अच्छा भाव नहीं मिला। जब प्राइस बैंड तय हुआ था, तो जीएमपी (ग्रे मार्केट प्रीमियम) 25 रुपये था, जो धीरे-धीरे गिरकर एक दिन पहले शून्य पर पहुँच गया। इस प्रकार, ग्रे मार्केट के संकेतों के विपरीत, स्विगी ने बाजार में लाभ के साथ लिस्टिंग की।
IPO का महंगा होना
स्विगी का आईपीओ भारत के महंगे आईपीओ में से एक रहा। हाल ही में हुंडई का आईपीओ आया था, जो अब तक का सबसे महंगा आईपीओ है। हुंडई का इश्यू साइज 27,000 करोड़ रुपए से अधिक था, जबकि स्विगी का आईपीओ 11,000 करोड़ रुपए से अधिक का था। यह साल का अब तक का दूसरा सबसे महंगा आईपीओ है।