Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Jul, 2024 10:36 AM
इस महीने बीएसएनएल को छोड़ सभी टेलीकॉम कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ 10-25 फीसदी तक बढ़ा दिए। इसके बावजूद देश में करीब 89 फीसदी मोबाइल फोन यूजर्स कनेक्टिविटी के साथ कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे हैं यानी 10 में से नौ लोग कॉल ड्रॉप की समस्या झेलते हैं।...
बिजनेस डेस्कः इस महीने बीएसएनएल को छोड़ सभी टेलीकॉम कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ 10-25 फीसदी तक बढ़ा दिए। इसके बावजूद देश में करीब 89 फीसदी मोबाइल फोन यूजर्स कनेक्टिविटी के साथ कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे हैं यानी 10 में से नौ लोग कॉल ड्रॉप की समस्या झेलते हैं। लोकल सर्कल्स के सर्वे में यह खुलासा हुआ। ट्राई ने भी माना कि टेक्नोलॉजी में उन्नति के बावजूद मोबाइल कनेक्टिविटी बेहतर नहीं हो पाई है।
सर्वे में देश के 362 जिलों के लोग शामिल
लोकल सर्कल्स का कहना है कि पिछले 12 महीनों से मोबाइल यूजर्स की शिकायतें सामने आ रही थीं। उसने पिछले तीन महीनों (मार्च से जून) में मोबाइल नेटवर्क के बारे में लोगों का अनुभव जानने के लिए ऑल इंडिया लेवल पर सर्वे किया। इसमें कई खुलासे हुए। सर्वे में देश के 362 जिलों के लोगों को शामिल किया गया। इनमें 64 फीसदी पुरुष, जबकि 36 फीसदी महिलाएं थीं। सर्वे के मुताबिक 38 फीसदी यूजर्स लगातार कॉल ड्रॉप की समस्या से जूझ रहे थे, जबकि 17 फीसदी यूजर्स आधे से ज्यादा कॉल्स के दौरान कॉल ड्रॉप से परेशान हुए। सर्वे में शामिल सिर्फ सात फीसदी यूजर्स ने कहा कि उन्हें कॉल ड्रॉप की समस्या नहीं हुई, जबकि चार फीसदी लोग स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए।
डेटा कॉल का सहारा
कॉल ड्रॉप की समस्या के कारण 91 फीसदी लोगों को कई बार नॉर्मल कॉल के बजाय वाई-फाई या डेटा कॉल करना पड़ा। इनमें 14 फीसदी लोग ऐसे थे, जिन्होंने आधे से ज्यादा बार इंटरनेट कॉलिंग की। डेटा कॉल का मतलब वॉट्सऐप, फेसबुक, स्काइप जैसे ऐप के जरिए कॉलिंग है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक कॉल ड्रॉप की समस्या के कारण पिछले दो साल में ऐप्स के जरिए वाई-फाई कॉल करने वालों की संख्या बढ़ी है।
अपने आप कट गया 30 सेकेंड के भीतर
सर्वे में शामिल सिर्फ पांच फीसदी लोग ऐसे थे, जिन्होंने कहा कि कॉल अपने आप ड्रॉप नहीं होती। कमजोर नेटवर्क के कारण कॉल ड्रॉप होने में आमतौर पर कितना समय लगता है? इस सवाल के जवाब में 41 फीसदी लोगों का कहना था कि 30 सेकेंड के भीतर उनका कॉल ऑटोमैटिकली कट गया।