Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Feb, 2025 01:04 PM
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टाटा और भारती ग्रुप अपने घाटे में चल रहे DTH बिजनेस के मर्जर की तैयारी में हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टाटा ग्रुप के टाटा प्ले और एयरटेल के डिजिटल टीवी के मर्जर का फैसला ऐसे समय लिया गया है जब लोग टीवी के बजाय ऑनलाइन वीडियो और लाइव...
नई दिल्ली: टाटा और भारती ग्रुप अपने घाटे में चल रहे DTH बिजनेस के मर्जर की तैयारी में हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, टाटा ग्रुप के टाटा प्ले और एयरटेल के डिजिटल टीवी के मर्जर का फैसला ऐसे समय लिया गया है जब लोग टीवी के बजाय ऑनलाइन वीडियो और लाइव स्ट्रीमिंग देखना पसंद कर रहे हैं। यह मर्जर शेयरों की अदला-बदली के जरिए होगा। इससे एयरटेल के नॉन-मोबाइल रेवेन्यू में इजाफा होगा। सूत्रों का कहना है कि इस जॉइंट वेंचर में एयरटेल की 50% से अधिक हिस्सेदारी होगी। टाटा प्ले भारत की सबसे बड़ी DTH प्रोवाइडर है जिसे पहले टाटा स्काई के नाम से जाना जाता था।
टाटा प्ले की शुरुआत रूपर्ट मर्डोक के न्यूज कॉर्प के साथ एक जॉइंट वेंचर के रूप में हुई थ। 2019 में जब वॉल्ट डिज्जी कंपनी ने मर्डोक की 21st सेंचुरी फॉक्स का अधिग्रहण किया, तो यह हिस्सेदारी उसके पास चली गई। इस मर्जर से एयरटेल को टाटा प्ले के 1.9 करोड़ घरों तक पहुंच मिल जाएगी। यह एयरटेल की 'ट्रिपल प्ले' रणनीति को मजबूत करेगा। इस रणनीति के तहत कंपनी टेलीकॉम, ब्रॉडबैंड और DTH सेवाओं का एक साथ ऑफर देगी। DTH क्षेत्र में लगभग एक दशक बाद यह दूसरा बड़ा सौदा होगा। इससे पहले 2016 में डिश टीवी और वीडियोकॉन d2h का विलय हुआ था।
कितनी होगी हिस्सेदारी
टाटा और एयरटेल की यह डील ऐसे समय हो रही है जब रिलायंस इंडस्ट्रीज और वॉल्ट डिज्नी, स्टार इंडिया और वायकॉम18 को मिलाकर JioStar बना रहे हैं। JioStar भारत की सबसे बड़ी मीडिया और मनोरंजन कंपनी होगी जिसका रेवेन्यू वित्त वर्ष 2024 में 26,000 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। टाटा और एयरटेल आने वाले दिनों में एक समझौते की घोषणा कर सकते हैं। मर्जर के बाद एयरटेल के पास जॉइंट वेंचर में 52-55% हिस्सा होगा जबकि टाटा प्ले के शेयरधारकों के पास 45-48% हिस्सा होगा। कंपनी का संचालन एयरटेल के वरिष्ठ प्रबंधन द्वारा किया जाएगा। हालांकि टाटा बोर्ड में दो सीटें चाहता है। दोनों कंपनियों का मूल्यांकन लगभग 6,000-7,000 करोड़ रुपए के आसपास किया जा रहा है।
एक अधिकारी ने कहा कि यह एक नॉन-बाइंडिंग डील होगी लेकिन दोनों पक्ष महीनों से बातचीत कर रहे हैं, इसलिए उन्हें सभी बकाया मुद्दों को जल्दी से सुलझा लेना चाहिए। टाटा के लिए यह एक बोझ रहा है और टेलीकॉम की तरह वे एक ऐसे ग्रुप के साथ गठबंधन कर रहे हैं जिसके साथ वे सहज हैं। एयरटेल डिजिटल टीवी, भारती टेलीमीडिया लिमिटेड के अंतर्गत आता है, जो लिस्टेड फ्लैगशिप भारती एयरटेल की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की टाटा प्ले में 70% हिस्सेदारी है।
क्यों हो रहा है मर्जर
सितंबर 2024 तक दोनों कंपनियों के कुल 3.5 करोड़ पेड ग्राहक थे, जबकि वित्त वर्ष 2024 में राजस्व 7,000 करोड़ रुपए से अधिक था। इसके अलावा, टाटा प्ले के पास अपनी सहायक कंपनी टाटा प्ले ब्रॉडबैंड के माध्यम से आधा मिलियन ब्रॉडबैंड ग्राहक भी हैं। एयरटेल, टाटा संस और डिज्नी ने सवालों का जवाब नहीं दिया। टाटा प्ले ने भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। विश्लेषकों का कहना है कि वीडियो स्ट्रीमिंग और डीडी फ्री डिश से प्रतिस्पर्धा के कारण पे-टीवी उद्योग में गिरावट आई है। हाल के वर्षों में पे-टीवी ग्राहकों की संख्या 120 मिलियन से घटकर 84 मिलियन रह गई है।