Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Jan, 2025 12:37 PM
टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने घोषणा की कि उसने ताइवान की पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन की भारतीय इकाई, पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया में 60% हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है। जानकारों के अनुसार, इस अधिग्रहण के बाद टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन (जो ऐपल के लिए ठेके...
बिजनेस डेस्कः टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने घोषणा की कि उसने ताइवान की पेगाट्रॉन कॉरपोरेशन की भारतीय इकाई, पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया में 60% हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर लिया है। जानकारों के अनुसार, इस अधिग्रहण के बाद टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और फॉक्सकॉन (जो ऐपल के लिए ठेके पर आईफोन बनाती है) के बीच भारत में आईफोन उत्पादन के मामले में अंतर काफी कम हो जाएगा।
टाटा की विस्तार योजना
पेगाट्रॉन का चेन्नई के समीप स्थित आईफोन कारखाना अब टाटा के अधीन आ गया है। इससे पहले मार्च 2024 में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने ताइवान की कंपनी विस्ट्रॉन के कर्नाटक कारखाने का अधिग्रहण किया था, जहां भी आईफोन का उत्पादन होता है।
2024 में भारत में कुल ₹1.50 लाख करोड़ मूल्य के आईफोन का उत्पादन हुआ था। इसमें फॉक्सकॉन का योगदान 56% (₹84,000 करोड़), टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का 26% (₹40,000 करोड़) और पेगाट्रॉन का 18% (₹26,000 करोड़) था। अधिग्रहण के बाद टाटा की हिस्सेदारी 44% तक बढ़ने की संभावना है।
टाटा के लिए बड़े अवसर
इस अधिग्रहण के साथ टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के कर्मचारियों की संख्या 31,000 से बढ़कर 48,000 हो जाएगी। निर्यात में भी कंपनी की हिस्सेदारी 29% से बढ़कर 48% तक पहुंचने की उम्मीद है। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ रणधीर ठाकुर ने कहा, "यह अधिग्रहण हमारी विनिर्माण रणनीति का हिस्सा है और एआई व डिजिटल तकनीकों के उपयोग से नए युग के निर्माण को सक्षम बनाएगा।"
उत्पादन में तेजी
विशेषज्ञों का कहना है कि अधिग्रहण की बातचीत के चलते पेगाट्रॉन ने अपना उत्पादन धीमा कर दिया था। अब टाटा के नेतृत्व में उत्पादन में तेजी आएगी। इसके साथ ही, तमिलनाडु के होसुर में टाटा का नया आईफोन कारखाना इस साल के अंत तक चालू हो जाएगा, जिससे उत्पादन और बढ़ेगा।
फॉक्सकॉन की चुनौती
भारत में फॉक्सकॉन ने भी अपनी उपस्थिति मजबूत करने के लिए $2 अरब का निवेश करने की योजना बनाई है।