Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jun, 2024 12:58 PM
टाटा मोटर्स ग्रुप जगुआर लैंड रोवर के इलेक्ट्रिफाइड मॉड्यूलर आर्किटेक्चर (EMA) पर बने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात के लिए तमिलनाडु को अपना अड्डा बना सकता है। इसमें जेएलआर के अलावा टाटा मोटर्स के मॉडल भी ओ सकते हैं। निर्यात किए जाने वाले मॉडलों के...
नई दिल्लीः टाटा मोटर्स ग्रुप जगुआर लैंड रोवर के इलेक्ट्रिफाइड मॉड्यूलर आर्किटेक्चर (EMA) पर बने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात के लिए तमिलनाडु को अपना अड्डा बना सकता है। इसमें जेएलआर के अलावा टाटा मोटर्स के मॉडल भी ओ सकते हैं। निर्यात किए जाने वाले मॉडलों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है, मगर सूत्रों ने बताया कि इनमें भारत में बने जेएलआर के मॉडल हो सकते हैं और ईएमए पर बने टाटा के अन्य इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) भी हो सकते हैं। मगर टाटा ऐसा करने वाली पहली कंपनी नहीं होगी क्योंकि फ्रांस की सिट्रॉन भारत में बने ईवी पहले ही दुनिया भर में बेच रही है।
सिट्रॉन तमिलनाडु से ईवी निर्यात करने वाली पहली बहुराष्ट्रीय कार कंपनी बन गई है। उसने भारत में बनी 500 ई-सी3 कारें अप्रैल में निर्यात कीं। ये कारें चेन्नई के समीप कामराजर पोर्ट से इंडोनेशिया भेजी गईं। टाटा मोटर्स ने मार्च में तमिलनाडु सरकार के साथ 5 साल में 9,000 करोड़ रुपए के निवेश से एक कारखाना स्थापित करने के लिए समझौता किया था। इससे राज्य में करीब 5,000 रोजगार मिलने का अनुमान है। कंपनी ने कहा कि कंपनी विभिन्न विकल्पों पर काम कर रही है और अंतिम तौर पर अभी कुछ तय नहीं किया गया है।
कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ‘टाटा मोटर्स ग्रुप ने तमिलनाडु में वाहन बनाने के लिए कारखाना लगाने की संभावना तलाशने के लिए 13 मार्च 2024 को राज्य सरकार के साथ समझौते पर दस्तखत किए थे। अभी हम कई विकल्पों पर काम कर रहे हैं और कुछ भी अंतिम तौर पर तय नहीं किया गया है। यह निदेशक मंडल से मंजूरी, दोनों पक्षों के बीच बाध्यकारी समझौते जैसे पहलुओं पर निर्भर करेगा।’ सूत्रों के अनुसार टाटा मोटर्स और जेएलआर गाड़ियां बनाएंगी।
मामले की करीबी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘टाटा मोटर्स तमिलनाडु कारखाने को निर्यात का ठिकाना बनाना चाहती है। पेट्रोल-डीजल वाहनों मे जो भी हो मगर इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक के मामले में वह दुनिया की दूसरी बड़ी कंपनियों को टक्कर देकी है। इसलिए इसी का फायदा उठाने और ईवी के निर्यात पर जोर देने का विचार है।’
ईएमए और जगुआर इलेक्ट्रिफाइड आर्किटेक्चर (जेईए) 2025 में शुरू किया जाएगा क्योंकि जेएलआर 2030 तक अपने सभी ब्रांडों में पूरी तरह इलेक्ट्रिक विकल्प पेश कर इलेक्ट्रिक-फर्स्ट बिजनेस तैयार करना चाहती है। जेएलआर के पास मॉड्यूलर लॉन्गिट्यूडिनल आर्किटेक्चर (एमएलए) भी है और रेंज रोवर इलेक्ट्रिक उसी पर बनाई जा रही है। जेएलआर अपने उत्पादन कारखानों को नए सिरे से ढाल रही है और दुनिया भर में अपने कारखानों को वह पूरी तरह ईवी तैयार करने के लिहाज से बदल रही है। टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2024 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि ब्रिटेन के सोलिहल कारखाने को पूरी तरह इलेक्ट्रिक एमएलए मॉडल के लिए तैयार किया जा रहा है।
ब्रिटेन के मर्सीसाइड में हेलवुड इकाई कंपना का पहला पूर्ण इलेक्ट्रिक कारखाना होगा। स्लोवाकिया कारखाने को भी 2030 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन के लिए तैयार कर लिया जाएगा।