Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Aug, 2024 05:52 PM
एक सितंबर से जीएसटी करदाता (GST Taxpayers) जो अपने वैध बैंक खाते का ब्योरा नहीं देंगे, वे जीएसटी अधिकारियों के सामने बाहरी आपूर्ति रिटर्न (GSTR-1) दाखिल नहीं कर पाएंगे। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने एक परामर्श में यह जानकारी दी है। जीएसटी नियम 10ए के...
नई दिल्लीः एक सितंबर से जीएसटी करदाता (GST Taxpayers) जो अपने वैध बैंक खाते का ब्योरा नहीं देंगे, वे जीएसटी अधिकारियों के सामने बाहरी आपूर्ति रिटर्न (GSTR-1) दाखिल नहीं कर पाएंगे। जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने एक परामर्श में यह जानकारी दी है। जीएसटी नियम 10ए के तहत, करदाताओं को पंजीकरण की तारीख से 30 दिन के भीतर अपना वैध बैंक खाता विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उन्हें फॉर्म जीएसटीआर-1 के माध्यम से माल या सेवाओं की बाहरी आपूर्ति का विवरण दाखिल करने या इनवॉयस फाइलिंग सुविधा (आईएफएफ) का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी।
जीएसटीएन ने 23 अगस्त को जारी परामर्श में कहा, ‘‘यह नियम एक सितंबर, 2024 से लागू हो रहा है। इसलिए अगस्त, 2024 से आगे की कर अवधि के लिए करदाता जीएसटी मंच पर अपने पंजीकरण विवरण में वैध बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत किए बिना जीएसटीआर-01/आईएफएफ (जैसा भी मामला हो) दाखिल नहीं कर पाएंगे।'' जीएसटी परिषद ने पिछले साल जुलाई में अपनी बैठक में पंजीकरण प्रक्रिया को मजबूत करने और माल एवं सेवा कर (GST) में फर्जी तथा धोखाधड़ी वाले पंजीकरणों की समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नियम 10ए में संशोधन को मंजूरी दी थी।
संशोधन के अनुसार, पंजीकृत करदाता को पंजीकरण प्राप्त होने के 30 दिन के भीतर या फॉर्म जीएसटीआर-1/आईएफएफ (इन्वॉयस प्रस्तुत करने की सुविधा) में बाहरी आपूर्ति का विवरण दाखिल करने से पहले (जो भी पहले हो) अपने नाम तथा पैन वाले बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक था। परामर्श में जीएसटीएन ने उन सभी करदाताओं (जिन्होंने अभी तक वैध बैंक खाते का विवरण नहीं दिया है) से कहा कि वे जीएसटी मंच पर जाकर अपने पंजीकरण विवरण में अपने बैंक खाते की जानकारी जोड़ें। जीएसटीएन परामर्श में कहा गया, ‘‘जीएसटी पंजीकरण में वैध बैंक खाते का विवरण न होने पर आप अगस्त, 2024 की रिटर्न अवधि से जीएसटीआर-1 या आईएफएफ दाखिल नहीं कर पाएंगे।''