Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Jul, 2024 10:41 AM
जब भारत का दौरा रद्द कर एलन मस्क अप्रैल में चीन की यात्रा पर गए थे, तब यह कहा जा रहा था कि एलन मस्क लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भारत दौरा प्लान कर सकते हैं। भारत में 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ भारतीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक...
बिजनेस डेस्कः जब भारत का दौरा रद्द कर एलन मस्क अप्रैल में चीन की यात्रा पर गए थे, तब यह कहा जा रहा था कि एलन मस्क लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद भारत दौरा प्लान कर सकते हैं। भारत में 4 हजार करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ भारतीय बाजार में अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को लॉन्च करने की उनकी योजना अब खटाई में पड़ती दिख रही है। बताया जा रहा है कि एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी के अधिकारियों ने भारत सरकार के अधिकारियों से संपर्क करना बंद कर दिया है। इसके बाद इस बात की उम्मीद कम नजर आ रही है कि टेस्ला इंक जल्द भारत में निवेश कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एलन मस्क के भारत की यात्रा स्थगित करने के बाद से उनकी टीम ने नई दिल्ली में अधिकारियों से कोई भी पूछताछ नहीं की है। एक अधिकारी ने नाम ना बताने के शर्त पर कहा कि सरकार को यह समझ में आ गया है कि टेस्ला के पास पैसों की कमी है और वह निकट भविष्य में भारत में नए निवेश की योजना नहीं बनाती दिख रही है।
ऐसा तब हुआ है, जब टेस्ला ने वैश्विक स्तर पर तिमाही डिलीवरी में लगातार दूसरी बार गिरावट दर्ज की है। उसे चीन में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। टेस्ला ने अप्रैल में बड़े पैमाने पर कंपनी में छंटनी का ऐलान किया था। इस पर मई में अमल भी किया गया। कंपनी के नए प्रोडक्ट साइबरट्रक का प्रोजेक्ट भी अब धीमी गति से आगे बढ़ रहा है। इतना ही नहीं मैक्सिको में बनाए जाने वाले नए प्लांट की रफ्तार भी कम हो गई है।
इतने हजार करोड़ का निवेश
एलन मस्क ने अपनी भारत यात्रा तब रद्द की थी, जब सरकार ने कुछ हफ्ते पहले ही विदेशी कार निर्माताओं के ईवी इंपोर्ट पर टैक्स को कम करने का ऐलान किया था। टेस्ला को इस नियम का फायदा कम से कम 4,150 करोड़ रुपए (497 मिलियन डॉलर) का निवेश करने और तीन साल के भीतर एक स्थानीय कारखाने में ईवी उत्पादन शुरू करने पर मिलने वाला था। इसके बजाय भारत सरकार को देश में ईवी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए टाटा मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड जैसी घरेलू वाहन निर्माताओं से भी नए प्लांट लगाने की उम्मीद है।
इस वजह से डिमांड में नहीं आ रही रैपिड ग्रोथ
उन्होंने कहा कि अगर मस्क फिर से संपर्क करने का फैसला करते हैं, तो नई इंपोर्ट टैक्स नीति का लाभ उठाने के लिए टेस्ला का अभी भी स्वागत किया जाएगा। ब्लूमबर्ग एनईएफ के अनुसार, भारत का ईवी बाजार अपनी फर्स्ट स्टेज में है, जिसमें पिछले साल बैटरी से चलने वाली कारों की हिस्सेदारी कुल बिक्री का केवल 1.3% थी। कई खरीदार इलेक्ट्रिक कारों की अधिक लागत और चार्जिंग स्टेशनों की कमी के कारण स्विच करने में संकोच कर रहे हैं।