Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Dec, 2024 12:06 PM
केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (FY25) के पहले आठ महीनों में ‘पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत राज्यों को ₹50,571.42 करोड़ की राशि जारी की है। इस राशि का उपयोग पूंजीगत खर्च बढ़ाने के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के...
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष (FY25) के पहले आठ महीनों में ‘पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना के तहत राज्यों को ₹50,571.42 करोड़ की राशि जारी की है। इस राशि का उपयोग पूंजीगत खर्च बढ़ाने के लिए किया जाएगा। वित्त मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, इस योजना का लाभ 28 में से 23 राज्यों ने उठाया है। अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, केरल, पंजाब और तेलंगाना ने इस योजना का उपयोग नहीं किया।
योजना के तहत सबसे अधिक लाभान्वित राज्य
- उत्तर प्रदेश: ₹7,007.93 करोड़
- बिहार: ₹5,408.88 करोड़
- मध्य प्रदेश: ₹5,074.94 करोड़
- राजस्थान: ₹4,552.01 करोड़
- पश्चिम बंगाल: ₹4,416.23 करोड़
- असम: ₹3,181.97 करोड़
- ओडिशा: ₹3,085.44 करोड़
- महाराष्ट्र: ₹2,617.70 करोड़
- आंध्र प्रदेश: ₹2,616.27 करोड़
- कर्नाटक: ₹2,272.87 करोड़
योजना का उद्देश्य और शर्तें
‘पूंजीगत निवेश के लिए विशेष सहायता’ योजना की शुरुआत FY21 में ₹12,000 करोड़ के आवंटन के साथ की गई थी। इस योजना का उद्देश्य कोविड-19 महामारी के बाद राज्यों को आर्थिक सहारा प्रदान करना था।
- FY25 के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का आवंटन तय किया गया है, जिसमें से ₹88,000 करोड़ को सुधारों और परिणामों से जोड़ा गया है।
- राज्यों को बिना ब्याज के ऋण तभी मिलेगा जब वे आवंटित राशि का उपयोग पूंजीगत व्यय में वृद्धि के लिए करेंगे और इसे अन्य खर्चों में स्थानांतरित नहीं करेंगे।
- राज्यों को इस योजना के तहत सुधारों को लागू करना होगा, जैसे पुरानी सरकारी गाड़ियों को स्क्रैप करना, शहरी नियोजन में सुधार, पुलिस कर्मियों के लिए आवास, और पंचायत स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करना।
पिछले वर्षों में आवंटन
- FY21 और FY22 में ₹11,830.29 करोड़ और ₹14,185.78 करोड़ वितरित किए गए।
- FY23 में सभी 28 राज्यों ने ₹81,195.35 करोड़ का लाभ उठाया।
- FY24 में 26 राज्यों ने ₹1,09,554.32 करोड़ की सहायता प्राप्त की।
इस योजना के माध्यम से केंद्र सरकार का उद्देश्य राज्यों के पूंजीगत निवेश में तेजी लाना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।