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आम आदमी को लग सकता है महंगाई का झटका! पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी में सरकार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Oct, 2020 05:12 PM

the common man may feel the shock of inflation

महंगाई की मार झेल रही जनता पर को एक और बड़ा झटका लग सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सरकार 3-6 रुपए प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ा सकती है।

बिजनेस डेस्कः महंगाई की मार झेल रही जनता पर को एक और बड़ा झटका लग सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार एक बार फिर से पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। सरकार 3-6 रुपए प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ा सकती है। इससे पहले सरकार ने मई महीने के दौरान पेट्रोल पर 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का ऐलान किया था।

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आपको बता दें कि मई 2014 में पेट्रोल पर कुल टैक्स 9.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपए प्रति लीटर था। तब से आजतक पेट्रोल पर टैक्स बढ़कर 32.98 प्रति लीटर और डीजल पर टैक्स 31.83 रुपए प्रति लीटर है। केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा लगातार टैक्स बढ़ाए जाने से क्रूड के सस्ते होने का फायदा ग्रहकों को नहीं मिल पा रहा है, बल्कि उन्हें पेट्रोल और डीजल के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।

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जानिए पेट्रोल पर लगने वाले टैक्स और कमीशन के बारे में

  • एक्स फैक्ट्री कीमत- 25.32 रुपए
  • भाड़ा व अन्य खर्चे -0.36 रुपए
  • एक्साइज ड्यूटी -32.98 रुपए
  • डीलर का कमीशन- 3.69 रुपए
  • VAT (डीलर के कमीशन के साथ) -18.71 रुपए

एक अंग्रेजी खबर के अनुसार, कोरोना की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान से निपटने के लिए सरकार तीसरे राहत पैकेज की तैयारी कर रही है। ऐसे में सरकार को ज्यादा फंड्स की जरुरत है। लिहाजा सरकार इसकी भरपाई टैक्स (एक्साइज ड्यूटी) करना चाहती है। 

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सूत्रों के अनुसार, 3-6 रुपए प्रति लीटर तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ सकती है लेकिन सरकार चाहती है कि टैक्स बढ़ने के बाद पेट्रोल-डीजल महंगा नहीं होना चाहिए। इसीलिए नई योजना पर काम चल रहा है। माना जा रहा है कि कच्चे तेल के दाम गिरने के बाद जितना पेट्रोल-डीजल सस्ता होना चाहिए था, अब वो नहीं होगा। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चा तेल 45 डॉलर प्रति बैरल से गिरकर 40 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इसीलिए सरकार इसका फायदा उठाना चाहती है।

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