Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Aug, 2024 06:22 PM
कैब सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने अभी तक कोई भारतीय चिप नहीं बनने को ‘अनूठी विडंबना' बताते हुए कहा है कि भारत के लिए पहली एआई चिप बनाने की उनकी घोषणा बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य है लेकिन कंपनी को अपना वादा पूरा करने...
नई दिल्लीः कैब सेवाएं उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने अभी तक कोई भारतीय चिप नहीं बनने को ‘अनूठी विडंबना' बताते हुए कहा है कि भारत के लिए पहली एआई चिप बनाने की उनकी घोषणा बेहद महत्वाकांक्षी लक्ष्य है लेकिन कंपनी को अपना वादा पूरा करने का भरोसा है। अग्रवाल ने कहा कि एक चिप बनाना एक ‘जोखिम भरा प्रयास' है। इसके बावजूद उन्हें यकीन है कि ओला ग्रुप और एआई इकाई ‘क्रुत्रिम' इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
अग्रवाल ने कहा कि कंपनी अपनी एआई चिप के लिए विनिर्माण इकाई नहीं लगाएगी। इसके बजाय कंपनी ताइवान, कोरिया या अमेरिकी पारिस्थितिकी तंत्र में सक्रिय वैश्विक कंपनियों के साथ काम करने की योजना बना रही है। ओला के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इस बारे में बातचीत चल रही है, लेकिन अभी तक इसे अंतिम रूप नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है कि कोई भारत में अत्याधुनिक चिप संयंत्र लगाएगा, और हमें इसका उपयोग करने में खुशी होगी।''
अग्रवाल ने कहा, ‘‘दुनिया की हर चिप का डिजाइन भारत से होकर गुजरता है। हर चिप का थोड़ा डिजाइन भारत में हो रहा है लेकिन हमारे पास कोई भारतीय चिप नहीं है। हमारे पास दुनिया में सबसे ज्यादा सिलिकॉन चिप डिजाइनर हैं लेकिन कोई भारतीय चिप नहीं है। यह एक अनूठी विडंबना है।''
उन्होंने कहा, ‘‘इसीलिए हमने अपनी खुद की चिप बनाने का फैसला किया है, और यह एक कृत्रिम मेधा (एआई) चिप होगी। इसके साथ ही एक सामान्य उद्देश्य वाला सीपीयू भी विकसित किया जाएगा।'' ओला की एआई के लिए समर्पित इकाई का नाम क्रुत्रिम रखा गया है। इसने सीपीयू और एआई चिप के विकास के लिए आर्म और अनटीथर एआई जैसी वैश्विक कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की है।