सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षां में एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचाना

Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Sep, 2024 12:38 PM

the government aims to increase the export of alcoholic beverages

सरकार भारतीय शराब की वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एल्कोहल युक्त और बिना एल्कोहल वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में इसके निर्यात को एक अरब अमेरिकी डॉलर (करीब...

नई दिल्लीः सरकार भारतीय शराब की वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग के मद्देनजर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में एल्कोहल युक्त और बिना एल्कोहल वाले पेय पदार्थों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। सरकार का लक्ष्य अगले कुछ वर्षों में इसके निर्यात को एक अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 8,000 करोड़ रुपए) तक पहुंचाना है। वाणिज्य मंत्रालय की शाखा कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार, भारत वर्तमान में एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों के निर्यात के मामले में दुनिया में 40वें स्थान पर है। अनुमानों के अनुसार देश में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। 

‘मेक इन इंडिया' पहल के तहत प्राधिकरण ने प्रमुख विदेशी गंतव्यों को भारतीय शराब का निर्यात बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। एपीडा ने बुधवार को बयान में कहा गया, ‘‘वह अगले कुछ वर्षों में निर्यात राजस्व को संभावित रूप से एक अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रख रहा है।'' देश का एल्कोहल युक्त पेय पदार्थों का निर्यात 2023-24 में 2,200 करोड़ रुपये से अधिक रहा। सबसे अधिक निर्यात संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, नीदरलैंड, तंजानिया, अंगोला, केन्या, रवांडा जैसे देशों को किया गया। 

एपीडा ने कहा कि डियाजियो इंडिया (यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड) ब्रिटेन में ‘गोडावण' पेश करने को तैयार है। यह राजस्थान में बनी सिंगल-माल्ट व्हिस्की है। एक अरब अमेरिकी डॉलर के लक्ष्य पर भारतीय ब्रुअर्स एसोसिएशन के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि एकल-माल्ट व्हिस्की भारत की उच्च गुणवत्ता वाली व्हिस्की उत्पादक के रूप में प्रतिष्ठा बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी, लेकिन उन पेय पदार्थों की अधिक मांग की उम्मीद है जो स्वाद तथा कीमत के लिहाज से अधिक स्वादिष्ट हैं, जैसे प्रीमियम भारतीय व्हिस्की तथा प्रीमियम रम।'' 

मूल्य के लिहाज से गिरि ने कहा कि अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप में निर्यात की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि वह राज्यों से राज्य उत्पाद शुल्क नीतियों में निर्यात प्रोत्साहन शामिल करने का आग्रह करे। 
 

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