Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Oct, 2024 10:36 AM
धनतेरस के अवसर पर केवल आम लोगों ने ही नहीं, बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी अपनी तिजोरी में सोना भरा है। आरबीआई ने खुलासा किया है कि उसने लंदन स्थित बैंक ऑफ इंग्लैंड की तिजोरियों से 102 टन सोना भारत में शिफ्ट कर दिया है। सितंबर के अंत में...
बिजनेस डेस्कः धनतेरस के अवसर पर केवल आम लोगों ने ही नहीं, बल्कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी अपनी तिजोरी में सोना भरा है। आरबीआई ने खुलासा किया है कि उसने लंदन स्थित बैंक ऑफ इंग्लैंड की तिजोरियों से 102 टन सोना भारत में शिफ्ट कर दिया है। सितंबर के अंत में आरबीआई के पास कुल 855 टन सोना था, जिसमें से 510.5 टन देश में रखा गया था। विदेशी मुद्रा भंडार के प्रबंधन पर जारी की गई नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। सितंबर 2022 से अब तक भारत में 214 टन सोना विदेश से लाया गया है। आरबीआई और सरकार विश्वभर में बढ़ते भू-राजनीतिक तनावों के बीच अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने में जुटे हुए हैं। सरकार में कई नेताओं का मानना है कि सोना अपने देश में रखना अधिक सुरक्षित है।
1990 के दशक में भुगतान संतुलन संकट के दौर में भारत को अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था। अब सोने की दूसरी खेप भी भारत पहुंच गई है। पिछली बार की तरह इस बार भी RBI और सरकार ने सोने को लाने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की थी। साथ ही इस बात के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे कि इस बारे में कोई जानकारी लीक न होने पाए।
अभी विदेशों में कितना सोना है
अधिकारियों ने आगे और शिपमेंट के भारत आने की संभावना इनकार नहीं किया है लेकिन इस साल अब ज्यादा सोना शिफ्ट होने की संभावना नहीं है। अब भारत का 324 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में रखा गया है। बैंक ऑफ इंग्लैंड यूके और अन्य केंद्रीय बैंकों के सोने के भंडार के लिए सेफ कस्टडी देता है और न्यूयॉर्क फेडरल रिजर्व के बाद दूसरा सबसे बड़ा सोने का कस्टोडियन है।
बुलियन वेयरहाउस को साल 1697 में बनाया गया था। बाद में ब्राजील से ऑस्ट्रेलिया और कैलिफोर्निया से दक्षिण अफ्रीका से आ रहे सोने को संभालने के लिए इसका विस्तार किया गया था। इसमें सोने के करीब 4 लाख बार जमा हैं। सितंबर की शुरुआत में इन तिजोरियों में लगभग 5,350 टन (यानी करीब 17 करोड़ फाइन ट्रॉय औंस) सोना था।
लंदन ही क्यों?
बैंक ऑफ इंग्लैंड के पास सोना रखने का एक बड़ा फायदा यह है कि उसके पास लंदन बुलियन बाजार में क्विक लिक्विडिटी एक्सेस है। RBI के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि उसने अपने सोने की होल्डिंग बढ़ा दी है। सितंबर के अंत में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 9.3% थी जो मार्च के अंत में 8.1% थी।