Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Oct, 2024 05:11 PM
बुधवार को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पूरे दिन बढ़त के बावजूद आखिरी घंटे में बाजार ने गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स-निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 168 अंकों की गिरावट के साथ 81,467 पर और निफ्टी 31 अंकों की गिरावट...
बिजनेस डेस्कः बुधवार को शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। पूरे दिन बढ़त के बावजूद आखिरी घंटे में बाजार ने गिरावट दर्ज की। सेंसेक्स-निफ्टी दोनों प्रमुख सूचकांक गिरावट के साथ बंद हुए। सेंसेक्स 168 अंकों की गिरावट के साथ 81,467 पर और निफ्टी 31 अंकों की गिरावट के साथ 24,982 पर बंद हुआ। हालांकि, निवेशकों को नुकसान नहीं हुआ, बल्कि उन्हें फायदा हुआ। बाजार में गिरावट के बावजूद निवेशकों 2.63 लाख करोड़ रुपए का फायदा हुआ।
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किन शेयरों और सेक्टर्स में दिखा इजाफा
सेंसेक्स के घटकों में आईटीसी, नेस्ले इंडिया, एचयूएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज और एलएंडटी 1-3 फीसदी की गिरावट के साथ शीर्ष पर रहे। इसके विपरीत, टाटा मोटर्स, टेक महिंद्रा, एसबीआई, मारुति सुजुकी और बजाज फिनसर्व लाभ के साथ बंद हुए। फाइनेंशियल सर्विस इंडेक्स सूचकांक 0.4 फीसदी अधिक बंद हुए, जबकि ऑटो और रियल एस्टेट शेयरों में क्रमशः 0.8 फीसदी और 2.15 फीसदी की वृद्धि हुई।हालांकि, निफ्टी बैंक सपाट बंद हुआ। व्यापक, अधिक घरेलू स्तर पर केंद्रित निफ्टी स्मॉलकैप 100 और मिडकैप 100 सूचकांक क्रमशः 1.3 फीसदी और 1 फीसदी बढ़े।
इस बीच, सिटी द्वारा दवा निर्माता के स्टॉक को ‘बाय’ रेटिंग के साथ कवरेज शुरू करने के बाद दिविज़ लैबोरेट्रीज़ में 8% की वृद्धि के कारण फार्मा इंडेक्स 2 फीसदी अधिक बंद हुआ। आईटी इंडेक्स सूचकांक 0.55% बढ़ गया, जो लगातार चौथे सत्र में बढ़त का प्रतीक है, क्योंकि श्रम बाजार के आंकड़ों ने अमेरिका में मंदी की चिंताओं को कम कर दिया है, जो इस क्षेत्र के लिए एक प्रमुख राजस्व स्रोत है।
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निवेशक हुए मालामाल
मिडकैप और स्मॉलकैप के दम पर शेयर बाजार में गिरावट के बाद भी शेयर बाजार निवेशकों की जबरदस्त कमाई कराई है। बीएसई पर सभी लिस्टिड कंपनियों का मार्केट कैप 2.63 लाख करोड़ रुपए बढ़कर 462.14 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में मार्केट कैप 459.50 लाख करोड़ था।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को अपने नीतिगत रुख को बदलकर न्यूट्रल कर दिया, जिससे आने वाले दिनों के लिए ब्याज दरों में कटौती की विंडो ओपन हो गई है। वैसे आरबीआई ने लगातार 10वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और दर को 6.5 फीसदी पर छोड़ दिया।