why market down today: चीन के वायरस की भारत में एंट्री से घबराया बाजार, आई बड़ी गिरावट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jan, 2025 01:07 PM

the market panicked due to the entry of chinese virus in india

चीन में वायरस के प्रकोप की खबरों के बीच भारत में पहली बार एचएमपीवी (ह्यूमन मेटापनेमोवायरस) का मामला बेंगलुरु में सामने आने से शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई सेंसेक्स 1,100 अंकों से अधिक टूट गया, जबकि निफ्टी में करीब 1.4% की गिरावट...

बिजनेस डेस्कः चीन में वायरस के प्रकोप की खबरों के बीच भारत में पहली बार एचएमपीवी (ह्यूमन मेटापनेमोवायरस) का मामला बेंगलुरु में सामने आने से शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बीएसई सेंसेक्स 1,100 अंकों से अधिक टूट गया, जबकि निफ्टी में करीब 1.4% की गिरावट देखी गई। सुबह तेजी के साथ खुलने वाला बाजार इस खबर के बाद हिला हुआ नजर आया, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई। व्यापक बिकवाली के कारण मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में भी भारी गिरावट देखी गई और इंडिया VIX 13% उछल गया।

पीएसयू बैंक, रियल एस्टेट और ऑयल एंड गैस स्टॉक में सबसे ज्यादा गिरावट रही। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में सबसे ज्यादा 7% गिरावट रही जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, एचपीसीएल, बीपीसीएल, टाटा स्टील, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस तथा पीएनबी में 4-5% की गिरावट आई। एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और कोटक महिंद्रा बैंक सेंसेक्स पर सबसे अधिक गिरावट वाले शेयरों में से थे। हफ्ते के पहले दिन निवेशक तीसरी तिमाही के परिणामों पर नजर रखने के साथ-साथ अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल और भू-राजनीतिक मुद्दों पर फोकस कर रहे थे कि भारत में HMPV का पहला मामला मिलने की खबर से उनके हाथपांव फूल गए।

क्यों गिरा बाजार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बेंगलुरु में एक 8 महीने के बच्चे में HMPV का पता चला है। आईसीएमआर ने भी दो मामलों की पुष्टि की है। इनमें 3 महीने की बच्ची और 8 महीने का बच्चा शामिल है। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ये कोई नया वायरस नहीं है। मौसम में बदलाव के कारण ये केस बढ़ते हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को आश्वस्त किया है कि चिंता का कोई कारण नहीं है। भारत विभिन्न चैनलों के माध्यम से वैश्विक HMPV स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार ने कहा कि बाजार पर एफआईआई प्रवाह को प्रभावित करने वाले नकारात्मक कारकों और कुछ सकारात्मक घरेलू कारकों का प्रभाव पड़ने की संभावना है, जो बाजार को समर्थन दे सकते हैं। डॉलर इंडेक्स 109 और 10-वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड 4.62% पर रहने के साथ बाहरी मैक्रो कंस्ट्रक्ट प्रतिकूल बना हुआ है। यील्ड में गिरावट आने और डॉलर के स्थिर होने तक एफआईआई द्वारा बिकवाली जारी रखने की संभावना है।

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