Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jan, 2025 04:09 PM
बीते वर्ष 2024 में देश में डीमैट अकाउंट (Demat Accounts in India) की संख्या में जबरदस्त उछाल दर्ज हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस एक वर्ष की अवधि में डीमैट अकाउंट की संख्या में करीब 46 मिलियन की वृद्धि हुई, जो प्रति माह औसतन 3.8 मिलियन अकाउंट...
बिजनेस डेस्कः बीते वर्ष 2024 में देश में डीमैट अकाउंट (Demat Accounts in India) की संख्या में जबरदस्त उछाल दर्ज हुआ है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस एक वर्ष की अवधि में डीमैट अकाउंट की संख्या में करीब 46 मिलियन की वृद्धि हुई, जो प्रति माह औसतन 3.8 मिलियन अकाउंट की वृद्धि को दर्शाता है। NSDL और CDSL के अनुसार, इससे पिछले वर्ष 2023 की तुलना में नए डीमैट अकाउंट में 33 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जिससे अब कुल डीमैट अकाउंट की संख्या 185.3 मिलियन हो गई है।
उछाल की वजह
कोरोना काल के बाद से ही भारत में डीमैट अकाउंट की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। डीमैट अकाउंट की संख्या में उछाल की वजह खाता खोलने की आसान प्रक्रिया, स्मार्टफोन का बढ़ता इस्तेमाल और अनुकूल मार्केट रिटर्न जैसे कारकों को माना जा रहा है। 2019 में 39.3 मिलियन से पिछले पांच वर्षों में डीमैट अकाउंट की संख्या चार गुना से अधिक हो गई है।
2024 के पहले नौ महीनों में सेकेंडरी मार्केट में लाभ और रिकॉर्ड आईपीओ (IPO 2024) के बीच 36 मिलियन डीमैट अकाउंट जोड़े गए।
2021 से औसतन हर साल 3 करोड़ नए डीमैट अकाउंट खोले गए हैं। एसबीआई रिसर्च के अनुसार, "भारत में 2021 से हर साल कम से कम 3 करोड़ नए डीमैट अकाउंट खोले जा रहे हैं और लगभग हर चार में से एक अब महिला निवेशक है, जो बचत के वित्तीयकरण के चैनल के रूप में पूंजी बाजार का इस्तेमाल करने के बढ़ते प्रचलन को दर्शाता है।"
पिछले 10 वर्षों में डीमैट अकाउंट की संख्या में जबरदस्त उछाल
इसके अलावा, पिछले 10 वर्षों में डीमैट अकाउंट की संख्या में जबरदस्त उछाल दर्ज किया गया है। देश में अगस्त 2024 तक 17.10 करोड़ से अधिक डीमैट अकाउंट खोले जा चुके थे जबकि वित्त वर्ष 2014 में डीमैट अकाउंट की यह संख्या 2.3 करोड़ थी। इस अवधि के दौरान डीमैट अकाउंट की संख्या में 650 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।