Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Feb, 2025 01:36 PM
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देश में करोड़ों किसानों की पैसे की जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है। सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऑपरेटिव अमाउंट की संख्या पिछले 10 साल में दोगुने के पार चली गई है। साल 2014 मार्च में यह राशि 4.26...
बिजनेस डेस्कः देश में करोड़ों किसानों की पैसे की जरूरतों को पूरा करने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया जाता है। सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत ऑपरेटिव अमाउंट की संख्या पिछले 10 साल में दोगुने के पार चली गई है। साल 2014 मार्च में यह राशि 4.26 लाख करोड़ रुपए थी, जो अब बढ़कर 10.05 लाख करोड़ पर हो गई है। वित्त मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय ने बताया कि चालू किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 31 दिसंबर, 2024 तक अकाउंट 10 लाख करोड़ रुपए पार कर गई है, जिससे 7.72 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है। भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई योजना किसान क्रेडिट कार्ड एक बैंकिंग प्रोडक्ट है, जिसके जरिये किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे उत्पादों के साथ ही संबद्ध गतिविधियों की नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्ता लोन मिलता है। इस क्रेडिट कार्ड का मकसद किसानों को उनकी जरूरतों के लिए समय पर पर्याप्त लोन मुहैया कराना है। बता दें कि इस योजना को 1998 में शुरू किया गया था।
केसीसी का फायदा
केसीसी की ब्याज दरें बाकी सारे लोन की तुलना में काफी कम होती है। केसीसी योजना खासकर उन किसानों के लिए जिनके पास भूमि का स्वामित्व है। इसके साथ ही केसीसी में री-पेमेंट की शर्तें लचीली होती हैं, जिससे किसानों को अपनी फसल की कटाई के बाद लोन चुकाने में मदद मिलती है। केसीसी होल्डर को फसल बीमा और पर्सनल एक्सीडेंट इंश्योरेंस जैसे बीमा प्रोडक्ट तक पहुंच मिलती है।