Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Oct, 2020 11:43 AM

निजीकरण की दिशा में सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है, कुछ और सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इसके लिए नीति आयोग नई लिस्ट तैयार कर रहा है। ऐसे पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज की पहचान की जा रही है जहां विनिवेश या बेचने की गुंजाइश हो।
बिजनेस डेस्कः निजीकरण की दिशा में सरकार तेजी से कदम बढ़ा रही है, कुछ और सरकारी कंपनियों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी है। इसके लिए नीति आयोग नई लिस्ट तैयार कर रहा है। ऐसे पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज की पहचान की जा रही है जहां विनिवेश या बेचने की गुंजाइश हो। सूत्रों के मुताबिक, निजीकरण को लेकर संभावित नई लिस्ट पर सोमवार (26 अक्टूबर) को नीति आयोग के अधिकारियों की बैठक होगी। बैठक में स्टेट ओन्ड कंपनियों की पहचान की जाएगी। पहली लिस्ट में 48 PSU में विनिवेश को लेकर आयोग ने अपने सुझाव दिए थे।
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मंत्रालय भी तैयार करेंगी विभागीय कंपनियों की लिस्ट
इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, नीति आयोग ने सभी मंत्रालयों को भी अपने विभाग में आने वाले PSE की पहचान करें, जिनमें सरकार स्ट्रेटेजिक हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया अपना सकती है। इस डील में मालिकाना हक और कंट्रोल दोनों ट्रांसफर किए जाएंगे। साथ ही मंत्रालय अपने विभाग के अंतर्गत आने वाली नॉन-स्ट्रेटेजिक कंपनियों की भी पहचान करेंगे, यहां सरकार विनिवेश कर सकेगी।
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क्या है सरकार का प्लान?
केंद्र सरकार का प्लान कि नॉन-स्ट्रेटेजिक सेक्टर से पूरी तरह निकला जाए। इस दिशा में ही कदम बढ़ाते हुए नीति आयोग को यह जिम्मेदारी दी गई थी। कोरोना वायरस महामारी के चलते सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ा है। इसलिए विनिवेश और हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया पर तेजी से काम किया जा रहा है। ऐसे में सरकार नॉन-स्ट्रेटेजिक पब्लिक सेक्टर यूनिट में असेट का मौद्रीकरण करना चाहती है।
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विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार ने विनिवेश से 2.1 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था। स्ट्रेटेजिक सेल के लिए जरिए सरकार 1.2 लाख करोड़ जुटाना चाहती है। इसके अलावा पब्लिक सेक्टर बैंक्स और फाइनेंशियल इंस्टिट्यूशन में विनिवेश के जरिए भी 90 हजार करोड़ का फंड इकट्ठा करने की प्लानिंग है। नीति आयोग ने पहले चरण में 48 सरकारी कंपनियों में विनिवेश का सुझाव दिया था। इसमें एयर इंडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा NTPC, सीमेंट कॉर्पोरेशन, भारत अर्थ और स्टील अथॉरिटी (SAIL) में भी हिस्सेदारी बेचने का सुझाव दिया गया था।