Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Mar, 2025 05:04 PM

सोने की कीमतें एक बार फिर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बीते 12 महीनों में 50वीं बार सोने ने ऑल-टाइम हाई स्तर को छुआ है। यह पिछले 12 वर्षों में सोने की सबसे लंबी तेजी का दौर है और इसके इतिहास में तीसरा सबसे लंबा बुल रन माना जा रहा है। 1970 के दशक में...
बिजनेस डेस्कः सोने की कीमतें एक बार फिर नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। बीते 12 महीनों में 50वीं बार सोने ने ऑल-टाइम हाई स्तर को छुआ है। यह पिछले 12 वर्षों में सोने की सबसे लंबी तेजी का दौर है और इसके इतिहास में तीसरा सबसे लंबा बुल रन माना जा रहा है। 1970 के दशक में महंगाई, सुस्त आर्थिक विकास और बेरोजगारी के कारण सोने में लगातार चार साल तक तेजी देखी गई थी।
इस साल अब तक सोने की कीमत 16% बढ़ चुकी है, जबकि पिछले एक साल में यह 39% का उछाल दिखा चुका है। यह लगातार तीसरे साल पॉजिटिव परफॉर्मेंस की ओर बढ़ रहा है।
कीमतों में तेजी के कारण
वैश्विक व्यापार युद्ध की आशंका– निवेशक अमेरिकी नीतियों को लेकर सतर्क हैं और सोने को सुरक्षित संपत्ति मान रहे हैं।
ब्याज दरों में कमी– जब ब्याज दरें कम होती हैं, तो सोने की कीमतों में वृद्धि देखी जाती है।
आर्थिक और राजनीतिक अनिश्चितता– बाजार के विशेषज्ञ मानते हैं कि निवेशक संभावित आर्थिक अस्थिरता के डर से सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं।
कहां तक जा सकती है कीमत?
ICICI Bank Global Markets की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2025 की दूसरी तिमाही तक सोना 96,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। वैश्विक स्तर पर सोने की कीमत दिसंबर 2025 तक $3,200 से $3,400 प्रति औंस तक पहुंच सकती है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने की कीमत 1,100 रुपए बढ़कर 92,150 रुपए प्रति 10 ग्राम के नए उच्च स्तर पर पहुंच गई। पिछले सत्र में यह 91,050 रुपए प्रति 10 ग्राम था।
चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त उछाल देखा गया। यह 1,300 रुपए बढ़कर 1,03,000 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जो इसके अब तक के उच्चतम स्तर के करीब है।