Ratan Tata के निधन पर उद्योग जगत में शोक की लहर, दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2024 03:59 PM

there is a wave of mourning in the industry on the demise of ratan tata

टाटा समूह (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा के निधन से भारतीय उद्योग जगत में गहरा शोक है। बुधवार रात साढ़े 11 बजे, 86 वर्ष की उम्र में दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर भारतीय उद्योग जगत के...

बिजनेस डेस्कः टाटा समूह (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा के निधन से भारतीय उद्योग जगत में गहरा शोक है। बुधवार रात साढ़े 11 बजे, 86 वर्ष की उम्र में दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर भारतीय उद्योग जगत के दिग्गजों ने शोक व्यक्त किया और उनकी विशाल विरासत को याद किया।

सुनील भारती मित्तल (चेयरमैन, भारती एंटरप्राइजेज) ने रतन टाटा को एक "सच्चा राष्ट्र निर्माता" बताया और कहा कि उनकी विरासत सदैव उद्यमियों और भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी।

शापूरजी मिस्त्री (चेयरमैन, एसपी समूह) ने उनके निधन को 'एक युग का अंत' करार दिया और कहा कि टाटा समूह पर उनकी छाप अमिट है। उन्होंने टाटा और मिस्त्री परिवारों के बीच लंबे संबंध को भी रेखांकित किया।

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अनिल अग्रवाल (चेयरमैन, वेदांता) ने कहा कि भारतीय उद्योग जगत ने "अपने मुकुट का रत्न" खो दिया है। अग्रवाल ने टाटा को हर भारतीय के लिए एक आदर्श बताया।

कुमार मंगलम बिड़ला (चेयरमैन, आदित्य बिड़ला समूह) ने कहा कि रतन टाटा की दूरदृष्टि ने न केवल आर्थिक वृद्धि को प्रभावित किया बल्कि लोगों के जीवन को भी बदल दिया। उनके फैसले, वित्तीय मापदंडों से परे जाकर, समाज और उद्योगों को गहराई से प्रभावित करते थे।

अनीश शाह (सीईओ, महिंद्रा समूह) ने कहा कि रतन टाटा के दूरदर्शी दृष्टिकोण ने एक पीढ़ी को उद्देश्य और निष्ठा के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।

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संजीव गोयनका (चेयरमैन, आरपीएसजी समूह) ने कहा कि टाटा के निधन से "दुनिया ने एक सच्चे दूरदर्शी और मानवतावादी" को खो दिया है।

सिद्धार्थ मोहंती (एलआईसी सीईओ) ने कहा कि रतन टाटा ने अपने जीवन को टाटा की नैतिक और परोपकारी विरासत को बनाए रखने के लिए समर्पित कर दिया।

संगीता रेड्डी (संयुक्त प्रबंध निदेशक, अपोलो हॉस्पिटल्स) ने कहा कि रतन टाटा की बुद्धिमत्ता और दयालुता ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया।

रतन टाटा के निधन से भारतीय उद्योग और परोपकार जगत में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकता लेकिन उनकी विरासत और दूरदृष्टि भारतीय उद्योग को सदैव प्रेरित करती रहेगी।
 

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