Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Feb, 2025 12:10 PM
शेयर बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है, क्योंकि सोमवार को 4 अरब डॉलर (करीब 35 हजार करोड़ रुपए) के शेयरों का लॉक-अप पीरियड खत्म हो गया है। इसका मतलब है कि अब शुरुआती निवेशक अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है, क्योंकि सोमवार को 4 अरब डॉलर (करीब 35 हजार करोड़ रुपए) के शेयरों का लॉक-अप पीरियड खत्म हो गया है। इसका मतलब है कि अब शुरुआती निवेशक अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ सकता है।
सोमवार को करीब 4 अरब डॉलर के शेयरों का लॉक-अप पीरियड खत्म होने के बाद बाजार में गिरावट दर्ज की गई। पहले से जारी मंदी के बीच यह गिरावट बाजार पर और दबाव डाल रही है। दिसंबर के मध्य से अब तक शेयर बाजार का कुल मूल्य एक लाख करोड़ डॉलर घट चुका है।
इन कंपनियों के शेयर बेचे जा सकेंगे
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, फर्स्टक्राई ऑपरेटर ब्रेनबीज सॉल्यूशंस, सीगल इंडिया, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस के शेयरों पर सोमवार को बिक्री प्रतिबंध हटा। मतलब अब इन कंपनियों के शेयर धड़ल्ले से बेचे जा सकते हैं।
नुवामा की ओर से बताई गई ज्यादातर कंपनियों के शेयर सोमवार को गिर गए थे। ट्रेन सिग्नलिंग फर्म क्वाड्रंट फ्यूचर टेक के शेयरों में 20% की सबसे बड़ी गिरावट देखी गई। यूनिकॉमर्स ई-सॉल्यूशंस के शेयर भी 10% गिर गए, जो अगस्त में ट्रेडिंग शुरू होने के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 3.3% गिर गए, जबकि फ़ूड डिलीवरी कंपनी स्विगी के शेयर लगभग 5% नीचे बंद हुए।
IPO की बाढ़ आने को तैयार
भारतीय IPO की बाढ़ के बीच ये एक्सपायरी आई है। सेबी का कहना है कि वो 60 से ज्यादा आवेदनों पर काम कर रहा है। यह देश के शेयरों में निराशावाद को चुनौती देता है। धीमी अर्थव्यवस्था और कमाई में कमी के कारण दिसंबर के उच्चतम स्तर से भारतीय शेयरों के कुल मार्केट कैप में 20% की गिरावट आई है। यह अब 4.1 लाख करोड़ डॉलर है। पहले बाजार 5 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा का था।
यह गिरावट आम निवेशकों के लिए चिंता का विषय है। लेकिन जानकारों का मानना है कि यह एक अस्थायी गिरावट है। लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजार में विकास की संभावनाएं बरकरार हैं।