Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jan, 2025 03:34 PM
शेयर बाजार में सोमवार 27 जनवरी को भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 842 अंक टूटकर 75,348 के स्तर पर आ गया। वहीं निफ्टी करीब 265 अंकों का गोता लगाकर 22,826.85 के स्तर पर आ गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 824 अंक गिरकर 75,366...
बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में सोमवार 27 जनवरी को भारी गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 842 अंक टूटकर 75,348 के स्तर पर आ गया। वहीं निफ्टी करीब 265 अंकों का गोता लगाकर 22,826.85 के स्तर पर आ गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 824 अंक गिरकर 75,366 जबकि वहीं निफ्टी 263 अंक टूटा, ये 22,829 के स्तर पर बंद हुआ।
कितना हुआ नुकसान?
सोमवार को मार्केट की इस गिरावट के कारण निवेशकों के 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा स्वाहा हो गए। बीएसई पर लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप 9.48 लाख करोड़ रुपए घटकर 410.03 लाख करोड़ रुपए रह गया।
मार्केट एनालिस्ट्स का कहना है कि शेयर बाजार की इस तेज गिरावट के पीछे घरेलू और ग्लोबल दोनों कारण जिम्मेदार रहे।
अमेरिकी डॉलर में मजबूती
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने निर्वासित लोगों को वापस लेने से इनकार करने के बाद कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ सहित तमाम प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया है। इसके चलते अमेरिकी डॉलर में मजबूती आई। भू-राजनीतिक अनिश्चितता के बीच मजबूत होते डॉलर ने भारत जैसे उभरते बाजारों पर दबाव बढ़ा दिया है। इसके अलावा ट्रंप के नए कार्यकाल के तहत अमेरिका-भारत संबंधों की दिशा को लेकर अनिश्चितता भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रही है।
बजट से पहले मुनाफावसूली
निवेशकों का ध्यान इस समय बजट 2025 पर है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस हफ्ते शनिवार 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी। बजट से पहले बाजार में और अधिक अस्थिरता की आशंका को देखते हुए निवेशक मुनाफावसूली कर रहे हैं। इंडिपेडेंट मार्केट एनालिस्ट्स अंबरीश बालिगा ने मनीकंट्रोल से कहा, 'आमतौर पर बजट-से पहले शेयर बाजार में तेजी की उम्मीद की जाती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। बाजार में किसी भी तेजी का इस्तेमाल निवेशक मुनाफावसूली या पोजीशन से बाहर निकलने के लिए कर रहे हैं। इसके चलते, इस सप्ताह का आउटलुर भी कमजोर नजर आ रहा है।'
चाइनीज स्टार्टअप 'डीपसेक' ने मचाई खलबली
भारतीय शेयर बाजार के खुलने से पहले कमजोर ग्लोबल संकेतों के चलते आज निवेशकों का मूड बिगड़ा हुआ था। चीन के एक स्टार्टअप, डीपसेक (DeepSeek) ने एक मुफ्त और ओपन सोर्स AI-मॉडल लॉन्च करके तकनीक की दुनिया में हलचल मचा दी है। यह AI-मॉडल, अमेरिकी कंपनी ओपनएई के चैटजीपीटी को टक्कर देता दिख रहा है। इसके चलते अमेरिकी स्टॉक फ्यूचर्स और अधिकतर एशियाई शेयर बाजारों में गिरावट आई। नैस्डैक कंपोजिट फ्यूचर्स और S&P 500 फ्यूचर्स में क्रमशः लगभग 2% और 1% की गिरावट आई, जो निवेशकों की चिंताओं को दिखाता है।नैस्डैक कंपोजिट फ्यूचर्स करीब 2 प्रतिशत गिरा, जबकि S&P 500 फ्यूचर्स 1 प्रतिशत गिरा। जापान के निक्केई में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई, जिससे पहले की बढ़त खत्म हो गई। वहीं न्यूजीलैंड के बेंचमार्क इंडेक्स में 0.6 प्रतिशत की गिरावट आई, जो निवेशकों की चिंताओं को दिखाता है। हालांकि इसके उलट चीन और हांगकांग के शेयर बाजारों में तेजी रही।
विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (FPIs) पिछले साल अक्टूबर से भारतीय शेयरों को बेच रहे हैं और अब तक वह करीब 2.5 लाख करोड़ रुपए की निकासी कर रहे हैं। सिर्फ जनवरी महीने में अबतक उन्होंने करीब 69,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। शेयर बाजार में गिरावट के यह एक मुख्य कारण बना हुआ है।जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट डॉ वीके विजयकुमार ने कहा, 'FPIs की लगातार बिकवाली से बाजार पर असर पड़ रहा है। नए टैरिफ और ग्लोबल ट्रेड को लेकर चिंताएं सेंटीमेंट पर भारी पड़ रही हैं। बाजार अब बजट में इनकम टैक्स में जैसे बड़े ऐलानों की उम्मीद कर रहा है, जिससे खपत को बढ़ावा मिल सके। अगर ये उम्मीदें पूरी नहीं होती हैं, तो बाजार पर दबाव जारी रह सकता है।'
मिलेजुले तिमाही नतीजे
कंपनियों के दिसंबर तिमाही के नतीजे अभी तक कुछ खास आशाजनक नहीं रहे हैं,जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट कमजोर हुआ है। अंबरीश बालिगा ने कहा, 'अभी तक के नतीजे सुस्त रहे हैं। अधिकतर के नतीजों अनुमानों से कम रहे रहे हैं। वहीं कई कंपनियों के परिणाम तो बाजार की उम्मीदों से काफी कम रहे हैं।' पहले से ही बढ़े हुए वैल्यूएशन और ग्लोबल अनिश्चितताओं के बीच ये कमजोर नतीजे, निवेशकों को शेयरों में लॉन्ग पोजिशन लेने से रोक रहे हैं।